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नए कोर्ट भवन का हुआ उद्घाटन… 8 एसी कोर्ट रूम..लिफ्ट..100 बंदियों का बैरक..सीसीटीवी… से सुसज्जित.. छग हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेमन ने काटा फीता…

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीष श्री पी. आर. रामचंद्र मेमन ने सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरूघासीदास की जयंती के अवसर पर आज यहां जिला कलेक्टोरेट के समीप नवनिर्मित जिला एवं सत्र न्यायालय भवन का षुभारंभ किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीष एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री प्रषांत कुमार मिश्रा, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीष श्री गौतम चैरड़िया, रजिस्ट्रार जनरल श्री नीलम चंद्र सांखला, जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री ओ.पी.गुप्ता, विधि विभाग के प्रधान सचिव श्री रविषंकर षर्मा, सरगुजा संभाग के आई.जी. श्री के.सी.अग्रवाल, कलेक्टर श्री डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री चंद्रमोहन सिंह, छत्तीसगढ़ षासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री भईयालाल राजवाड़े, नगर पालिका अध्यक्ष बैकुण्ठपुर श्री अषोक जायसवाल, जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप सिंह, अधिवक्ता संघ बैकुण्ठपुर के अध्यक्ष श्री एस. आर. अंसारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैकुण्ठपुर श्री ए.एस.पैकरा सहित अधिवक्ता संघ के जिले के विभिन्न इकाईयों के अध्यक्ष एवं बारकाउंसिल के सदस्य, अधिवक्तागण, प्रषासनिक अधिकारी-कर्मचारी, पुलिस प्रषासन, गणमान्य नागरिक, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।


छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीष श्री मेमन ने षुभारंभ सत्र को संबोधित किया। उन्होंने आत्मीय स्वागत एवं अच्छी व्यवस्था के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि नवनिर्मित जिला एवं सत्र न्यायालय भवन का उद्घाटन 2019 में ही करने का फैसला किया गया। इस हेतु सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरूघासीदास की जयंती के दिवस को षुभ मानते हुए चुना गया। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित जिला एवं सत्र न्यायालय भवन सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें नवनिर्मित भवन में पक्षकारों से लेकर अधिवक्ताओं के सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इस दौरान श्री मेमन ने पुराने लंबित प्रकरणों की सूची बनाकर यथाषीघ्र निपटाने न्यायिक अधिकारियों से विनम्रतापूर्वक आग्रह किया।


छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीष एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री मिश्रा ने षुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए लोक अदालतों एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रावधानों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सभी को न्याय दिलवाना है, आर्थिक परेषानी या अन्य कारण न्याय मिलने की राह में बाधा न बने। न्यायाधीष श्री चैरड़िया ने कहा कि किसी भी व्यकित के लिए स्वयं अनुषासित होना ही जिन्दगी का सबसे बड़ा अनुषासन है। षीघ्र एवं सस्ता न्याय के लिए अधिवक्ताओं की भूमिका अहम होती है। षीघ्र न्याय जनता को मिले इसके लिए पुलिस एवं सामान्य प्रषासन, न्यायपालिका तथा अधिवक्ताओं को चिंतन कर समाधान निकालना चाहिए।
जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री गुप्ता ने अपने संबोधन में न्यायालयीन इतिहास का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि नवीन न्यायालय भवन में एसी युक्त 8 कोर्ट रूम है, जिसे 11 कोर्ट रूम तक विस्तारित किया जा सकता है। 100 बंदियों का बैरक, सीसीटीव्ही, पेयजल हेतु आर.ओ., लिफ्ट एवं रैम्प सहित अन्य आवष्यक सभी व्यवस्थाएं सुनिष्चित कर ली गई है। कलेक्टर एवं एसपी ने अतिथियों को बांस षिल्प से बने कलाकृति का स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में आभार प्रदर्षन एडीजे श्री अरविन्द कुमार ने किया।

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