गांधी पर मचा बवाल.. गांधी उद्यान के सौंदर्यीकरण पर गौ रक्षक अनुराग दुबे की शिकायत के बाद लगी रोक.. अध्यक्ष निधि से बना था आकर्षक गांधी पार्क… अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप शिकायत कलेक्टर से..
गांधी पर मचा बवाल.. गांधी उद्यान के सौंदर्यीकरण पर गौ रक्षक अनुराग दुबे की शिकायत के बाद लगी रोक.. अध्यक्ष निधि से बना था आकर्षक गांधी पार्क… अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप शिकायत कलेक्टर से..
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कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के प्रख्यात गौ सेवक अनुराग दुबे ने नगरपालिका बैकुण्ठपुर के खिलाफ काफी लंबे समय से मोर्चा खोल कर रखा हुआ है। विपक्ष की भूमिका वह पूरी तरह से अकेले निभा रहे हैं। इतना ही नहीं समय-समय पर विपक्ष की भूमिका निभा रहे भाजपा नेताओं पर भी मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधते हैं। अब ताजा प्रकरण गांधी पार्क को लेकर हुआ है, दरअसल नगरपालिका बैकुण्ठपुर के अध्यक्ष अशोक जायसवाल अपनी अध्यक्ष निधि से जिला जेल के सामने पुराने गांधी पार्क को डिस्मेंटल कर भव्य एवं आकर्षक उद्यान बनाने के लिए लगभग 9 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य आरंभ करवाए थे। जिस पर अनुराग दुबे ने आपत्ति जताते हुए कोरिया कलेक्टर को पत्र देकर बताया कि हाल ही में कुछ माह पहले 5 लाख रुपए की लागत से इसी गांधी पार्क में सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया था। जिसके बाद पुनः ₹9 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य समझ से परे है। उन्होंने इस कार्य में गड़बड़ झाले की आशंका को लेकर कलेक्टर से जांच की मांग की। जिसके बाद कलेक्टर ने सीएमओ को उक्त कार्य को रोकने का निर्देश दिया है।
अनुराग दुबे ने अन्य आरोप भी लगाएं हैं
1. अनुराग दुबे ने कलेक्टर को बताया कि 1 साल पूर्व नगरपालिका में 1.31 करोड़ की लागत से लगाई गई स्ट्रीट लाइट सरकारी मापदंड के अनुसार नहीं है, सारी लाइट अधिक कीमत पर क्रय की गई हैं, अधिकांश लाइट फ्यूज होकर उपयोग विहीन हो गई हैं। उक्त राशि का ठेकेदार को भुगतान भी किया जा चुका है। ठेकेदार अध्यक्ष का रिश्तेदार है।
2. अनुराग दुबे ने अपने ज्ञापन में यह भी बताया कि जोड़ा तालाब गहरीकरण के लिए वर्ष भर पहले टेंडर हुआ था जिसमें नियम के मुताबिक 5fit गहरीकरण किया जाना था। परंतु 2 फीट गड्ढा खोदकर राशि का बंदरबांट कर लिया गया। गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण के लिए ₹80 लाख की राशि स्वीकृत हुई थी। इसी प्रकार नई सब्जी मंडी में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी सब्जी मंडी का कोई उपयोग नहीं हो रहा है और वह खंडहर में तब्दील हो रही है।
3.अनुराग दुबे ने यह भी बताया कि फायर बिग्रेड रिपेयरिंग नए टैंकर आने के बाद भी लाखों रुपए की राशि टैंकर रिपेयरिंग के नाम पर वह की जा रही है। 3 नए ट्रैक्टर खरीदने के बाद किराए से ट्रैक्टर का बिल निकाला जा रहा है। सूचना के अधिकार में इसकी जानकारी मांगने के बाद भी नहीं दी जा रही है।
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