जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रायगढ़ का अजीबोगरीब कारनामा …. जनशिकायत मे शिकायत पर कार्यवाही न कर विषयवस्तु से अलग हटकर जबाव देकर कर दिया प्रकरण पूर्ण ….
ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर है जिले के स्कूली बच्चों के शिक्षा व्यवस्था का दायित्व..
लक्ष्मीकांत दुबे
रायगढ़ जिला शिक्षा विभाग का एक अजीबो कारनामा सामने आया है जिसमे शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आया है।
सामाजिक संस्था उद्भव के अध्यक्ष लक्ष्मी कान्त दुबे ने मुख्यमंत्री जनशिकायत मे आवेदन कर मांग किया था कि रायगढ़ नगर पालिक निगम क्षेत्र के अन्तर्गत स्थानीय शासकीय नवीन कन्या शाला का भवन विगत 2 वर्ष से रिक्त है तथा जर्जर हो चुका है। वर्तमान मे नवीन कन्या शाला नटवर स्कूल मे मर्ज कर दिया गया है तथा एक साथ संचालित हो रहा है। इस स्थिति मे यह नवीन कन्या शाला का भवन रिक्त पड़ा है उक्त स्थान पर मिनी आडिटोरियम का निर्माण कर देने से स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा l वहीं 15 अगस्त , 26 जनवरी व अन्य कार्यक्रमों मे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रिहर्सल हेतु हर वर्ष निजी स्कूलों के भवनों / हॉल का सहारा लिया जाता है तथा इस क्षेत्र मे बहुत सारे शासकीय व निजी शिक्षण संस्थायें हैं इन स्कूल/ कॉलेज के कार्यक्रम भी इस आडिटोरियम के निर्माण से संभव हो सकेगा। इसलिये उक्त स्थान पर मिनी
आडिटोरियम निर्माण कराने की कृपा करें।

इस आवेदन पर कार्यवाही करने हेतु यह पत्र जिला कलेक्टर महोदय रायगढ़ को प्रेषित किया गया तथा जिला कलेक्टर रायगढ द्वारा कार्यवाही हेतु जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ को प्रेषित कर दिया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ द्वारा उक्त कार्यवाही के संबंध मे अवगत कराया गया कि समस्त विद्यालयों को आगामी आदेश पर्यन्त प्रात: 10 बजे से पूर्व व सांय 5 बजे के बाद संचालित न करने हेतु कलेक्टर कार्यालय के आदेश क्रमोक 192 दिनाँक 08/01/20 द्वारा आदेशित कर दिया गया है तत्संबंधी सूचना आवेदक को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 177 दिनांक 10/01/20 द्वारा सूचित कर दिया गया है और ऐसी जानकारी देकर उक्त प्रकरण को पूर्ण कर दी गई है। विषय वस्तु से हटकर कुछ भी लिखकर शिक्षा विभाग ने प्रकरण को पूर्ण कर लापरवाही की सारी हदें पार दी हैं यह विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही है।
आवश्यकता है कि शिक्षा विभाग ऐसे लापरवाह अधिकारी / कर्मचारियों पर कार्यवाही करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटना पर विराम लग सके।