कबीर जयंती पर समाजसेवी केएस चौहान हुए सम्मानित
दुर्ग। श्री सदगुरु कबीर साहेब समिति द्वारा 621वां प्राकट्य दिवस धार्मिक व सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। गोकुलनगर, पुलगांव में आयोजित कार्यक्रम में कोलवारी आश्रम धमतरी के संत श्री मुक्तिशरण साहेब शास्त्री मुख्य वक्ता थे। अतिथि के रूप में एफसीआई के प्रदेश सदस्य केएस चौहान शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण, दीप प्रज्ज्वलन व समाधि पूजन के साथ हुई। मुख्य वक्ता संत श्री मुक्तिशरण शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कबीर की वाणी के महत्व को समझाया और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आव्हान किया। अतिथि समाजसेवी एवं एफसीआई के प्रदेश सदस्य केएस चौहान ने 6 सौ वर्ष पूर्व कही गई कबीर की बातों को वर्तमान संदर्भों से जुड़ा। उन्होंने कहा कि राम को मत मानो, राम की मानो। कबीर एक सोच है, एक अवस्था है। जिससे हमें अपने भीतर उतारना है। कबीर को खुद में ढूंढो और खुद को कबीर में, तभी जीवन सार्थक होगा। उन्होंने कहा कि सत्य का संशोधन संभव नहीं है। 70 साल पहले जो संविधान बना है। इसमें कई संशोधन किए गए हैं, किंतु कबीर की साखियां में 6सौ वर्षों में कोई संशोधन नहीं हुआ है। यही कबीर की महिमा है। आज जिस धर्मनिरपेक्षता की बातें होती है, उसका बीजारोपण कबीर ने ही की थी। कार्यक्रम में संत श्री मुक्तिशरण साहेब ने समाजसेवी कार्यों में योगदान देने के लिए श्री चौहान को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कबीर के अनुयायियों ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। कार्यक्रम में गणमान्य नागरिकों के अलावा कबीर के अनुयाई बड़ी संख्या में जुटे।