मुर्दों की बस्ती में अलख जगाने वाले शैलेष शिवहरे को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं… घड़ी चौक में समर्थकों ने ऐतिहासिक… कबीर जिंदा है…विशेष लेख…
15 August 2022
अनूप बड़ेरिया
शैलेष शिवहरे माने शैलू भईया.. यह नाम शहर के किसी भी बच्चे, युवा, बुजुर्ग या महिलाओं के लिए रत्ती भर भी अपरिचित नही होगा। इस शख्स ने चाहे वह पद मे हो या न हो एक सच्चे सेवक की तरह बैकुंठपुर शहर के मुर्दो की बस्ती मे अलख जगाने का काम सदैव किया हो। चाहे वह धार्मिक कार्य हो या सांस्कृतिक कार्य…खेलकूद हो या होली मिलन…या जिला विभाजन के मुद्दे पर कोरिया बचाव मंच से लेकर हाईकोर्ट तक…
शैलेश शिवहरे ने बैकुंठपुर को हिंदुस्तान का मिनी हरिद्वार बना दिया है। पहले शहर की गतिविधियां शून्य सी थी… लेकिन शैलेष शिवहरे ने यहां लगातार धार्मिक आयोजन ,सांस्कृतिक व खेलकूद जैसे अनेक आयोजनों की शुरुआत कर शहर को संस्कारधानी बना दिया। आज प्रेमा बाग में देवरहा बाबा समिति के माध्यम से भी हमेशा कुछ न कुछ धार्मिक आयोजन होते रहते हैं । जिनका पूरा श्रेय शैलेष शिवहरे को ही जाता है । प्रेमाबाग में लगभग लगभग सारे मंदिरों का निर्माण हो चुका है या निर्माणाधीन है। शहर में कौमी एकता की मिसाल प्रस्तुत करने में शैलेष शिवहरे का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके लिए वीरेंद्र जैन की यह पंक्तियां सटीक बैठती हैं…
सब चुप, सबके मुँह पर ताले
आँखों में स्वारथ के जाले
इनमें अलख जगाने निकला
एक फकीर अभी ज़िंदा है
कोई कबीर अभी ज़िंदा है…
सब फ्रेमों में जड़े हुए हैं
मुर्दों जैसे पड़े हुए हैं
लाशों के इन अंबारों में
कोई अधीर अभी ज़िंदा है
कोई कबीर अभी ज़िंदा है…
कोरिया जिले के राजनीतिक, धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र में शैलेश शिवहरे उर्फ शैलू भैया एक जाना माना चेहरा है। शैलेश शिवहरे उस शख्सियत का नाम है। जिसने मात्र लोगों की सेवा के उद्देश्य के लिए ही अपनी 50 हजार ₹ से अधिक प्रतिमाह वेतन वाली कालरी की नौकरी तक त्याग दी। भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष ,झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष जैसे अनेक पदों को सुशोभित करने वाले शैलेंद्र शिवहरे ने बचपन से ही संघर्ष किया। कभी बाजार में फ़ट्टा लगाकर चावल बेचने से नगरपालिका अध्यक्ष बनने तक का सफर उनका वाकई संघर्षमय रहा। बेहद मिलनसार लोगों की मदद करने वाले सभी के सुख-दुख में कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा खड़े रहने वाले शैलेष शिवहरे पूरे बैकुंठपुर नगरपालिका क्षेत्र के अलावा आसपास के क्षेत्र में अपनी सहृदयता के लिए काफी लोकप्रिय हैं।
अगर उनके पास भी दुखियारा आया है और उससे किसी भी प्रकार के मदद चाहे वो आर्थिक ही क्यो न शैलेष कभी भी मदद करने से हिचकिचाते नहीं है।शैलेश शिवहरे के पास कितने कार्यकर्ता और समर्थक हैं । जितने इस क्षेत्र में किसी भी पार्टी के बड़े नेता के पास नहीं है। यही वजह की आज घड़ी चौक शैलूमय हो गया और उनके समर्थकों ने ऐतिहासिक रूप से उनका जन्मदिन मनाया। यह उनकी खासियत है कि उनके व्यवहार मे जो उनसे मिला, वह शैलू शिवहरे का मुरीद हो गया। भूतकाल में नगरीय चुनावों में जब उनकी लोकप्रियता काफी उफान पर थी और टिकट का दावेदार होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने जनता की आवाज पर अपनी नौकरी से त्यागपत्र देकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और भारी भरकम मतों से चुनाव जीतकर एक इतिहास बनाया । उनके कार्यकाल की उपलब्धियां भी किसी से छुपी नहीं है चाहे वह मुक्तिधाम में शिवजी की विशाल प्रतिमा जो लोगों को बरबस आकर्षित करती है । एक शानदार बड़ा पार्क, प्रेमा बाग में भव्य मंदिरों का निर्माण जैसे अनेक ऐसे कार्य हैं जो शैलेष शिवहरे के कार्यकाल का मील का पत्थर कहा जा सकता है। हर किसी आयोजन में हिंदू एवं मुस्लिम समुदाय को एक कर आयोजन की पृष्ठभूमि तैयार करने का श्रेय भी इसी शख्स को जाता है।
नगरपालिका अध्यक्ष बनने के बाद शैलेष शिवहरे ने लगातार अनुकरणीय कार्य किए। उसके बाद जब अगला पंचवर्षीय चुनाव आया । तब वह एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख दावेदार बने। लेकिन इस बार वह पार्टी में आ चुके थे। इसलिए जितनी चुनौती उनके लिए पार्टी के बाहर थी । उससे कहीं ज्यादा चुनौती उनके लिए पार्टी के अंदर निपटने के लिए थी । पार्टी के अंदर रहकर लोगों ने शैलेश शिवहरे के विरुद्ध जमकर कार्य किया और नतीजा जो आया वह चौकाने वाला था।
लेकिन इस साल 2022 के नगरीय चुनाव में बहुमत कम होने के बाद भी उन्होंने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती नविता शिवहरे को अध्यक्ष पद पर विराजमान कर जता दिया कि टाइगर अभी जिंदा है….
अपने कार्यकर्ताओं के लिए जी जान छिड़कने वाले और उन्हें भरपूर समय देने वाले शैलेष शिवहरे लगातार विरोधियों के निशाने पर रहते हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जितने सामने उनके विरोधी नहीं है । उससे ज्यादा पार्टी के अंदर ही उनके विरोधी हैं । वह सब का सम्मान करते हैं और विरोधी से लेकर सभी उनका सम्मान करते हैं। स्थानीय विधायक भैयालाल राजवाड़े के काफी करीबी व उनके लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले उनके सबसे विश्वसनीय शैलेश शिवहरे उनके हर चुनाव में उनकी विजय यात्रा के सारथी बनते हैं। उन्हें पीछे करने की विरोधियों की हर चाल नाकाम हो जाती है। क्योंकि उनके लिए यह कहा जाता है कि.. खूब करो साहिब, कोशिश हमें मिट्टी में दबाने की। शायद आपको नहीं मालूम कि हम बीज हैं, आदत है हमारी बार-बार उग आने की।।
क्षेत्र में लगातार सक्रियता और अंचल केें कद्दावर नेता श्री शिवहरे लगातार कामयाबी के शिखर पर चढ़ते जा रहे हैं । सांसद प्रतिनिधि होने के साथ-साथ आज वह बैकुंठपुर विधानसभा से विधायक पद के दावेदार भी हैं। यदि किसी कारणवश भैयालाल राजवाड़े को टिकट नहीं मिलता है या वह चुनाव लड़ने से मना करते हैं। शैलेष शिवहरे दावेदारी के क्रम में सबसे पहले नंबर पर है । यह माना जा रहा है इस पंचवर्षीय ना सही अगले पंचवर्षीय में इन को टिकट मिलना तय है । 15 अगस्त को आज उनके जन्मदिन पर PAGE11NEWS परिवार की ओर से ढेरों शुभकामनाएं ..! उनके लिए बस इतना कहा जा सकता है कि.. लहरों को खामोश देखकर यह न समझना कि समंदर में रवानी नहीं है। हम जब भी उठेंगे तूफान बन कर उठेंगे बस उठने की अभी ठानी नहीं है।।
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