♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

16 एवं 17 दिसंबर के बैंकों के हड़ताल का कर्मचारी संघ ने समर्थन किया …बैंकों के निजीकरण को लेकर देशभर के 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी अधिकारी ….लॉ अमेंडमेंट बिल ला कर राष्ट्रीय कृत बैंकों के निजीकरण ….देशभर में विरोध 

 

रायगढ़।

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष शेख कलीमुल्लाह प्रांतीय उपाध्यक्ष संतोष पांडे ने बताया कि यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैनर तले देश के बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी दिनांक 16 एवं 17 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे।

बैंकों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल का छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि बैंकों के निजीकरण को लेकर देशभर के 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी, अधिकारी हड़ताल कर अपना विरोध समय-समय पर जताते रहे हैं।

वर्तमान सरकार बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल ला कर के राष्ट्रीय कृत बैंकों के निजीकरण करना चाह रही है। इस अमेंडमेंट बिल का बैंक के कर्मचारी और अधिकारी विरोध कर रहे हैं। प्रस्तावित हड़ताल की तैयारी जोरों पर है रायपुर में हड़ताल के समर्थन में दिनांक 8 दिसंबर को गेट मीटिंग की गई। गेट मीटिंग में छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष विजय कुमार झा ने उपस्थित होकर हड़ताल का समर्थन किया।

कर्मचारी संघ का मानना है कि देश में आम आदमी को जोड़ने के लिए , आम आदमी के व्यापक हित के लिए 1969 में बैंकों का राष्ट्रीय करण हुआ । अब पुन: बैंकों के निजीकरण सरकार करना चाहती है। यह आम आदमी के हितों के लिए कुठाराघात होगा। वैसे भी निजी संस्थान लाभ पर ध्यान देती हैं उसका सरोकार सार्वजनिक हित से बहुत ही कम रहता है।

जब से बैंकों का एनपीएस बड़ा है तब से आम आदमी का जेब बैंक ढीला कर रहा है दिन प्रतिदिन सर्विस चार्ज बढ़ते ही जा रहा है निजी करण होते ही सभी किस्म की सुविधा चार्ज में बढ़ोतरी होगी इसमें कोई संदेह नहीं है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष शेख कलीमुल्लाह अध्यक्ष गोपाल नायक प्रांतीय उपाध्यक्ष संतोष पांडे प्रांतीय सचिव जेम्स वर्गिस सचिव विनोद सड़गी कोषाध्यक्ष अरुण वर्मा रायगढ़ तहसील शाखा अध्यक्ष संजीव सेठी ने केंद्र सरकार के निजीकरण नीति की मुखालिफत करते हुए केंद्र सरकार से, बैंकों के निजीकरण के बजाय बैंकों के बड़े चूककर्ता ग्राहक (Defaulter)पर कड़ी कार्यवाही कर बैंकों की वित्तीय घाटा को पूरा करने और आवश्यक सुधार करने की मांग की है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close