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महाराष्ट्र से वापस लौटे चार युवकों को नहीं घुसने दिया गया गांव में…चिरायु की टीम ने समझा कर किया होम आइसोलेशन में…

 गांव में जन्म ले रही विवादास्पद परिस्थितियों के बीच चिरायु दल द्वारा गांव वालों को दी गई नसीहत काम कर गई

चिकित्सकीय जांच एवं होम क्वारंटीन की पट्टी पढ़ाने के बाद चार संदेहियों को स्कूल से घर पहुंचाया गया

कोरोना वायरस संक्रमण और कोविड 19 की बीमारी के संदर्भ में लक्षण पहचान से लेकर होम क्वारंटीन की नियमावली का प्रचार-प्रसार जोरों पर है। संबंधित विभागों का क्रियान्वायन दल भी राज्य के बाहर से आए लोगों को लगातार होम क्वारंटीन करने में जुटा हुआ है। इसी बीच महासमुंद जिले के जगदीशपुर गांव में जागरूकता के अभाव वश संक्रमण के चार संदेहियों को अपने ही घर में क्वारंटीन होने के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बहरहाल, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल से मिले निर्देशानुसार डॉ वीरेंद्र प्रजापति की अगुआई में चिरायु दल के हस्तक्षेप के बाद विवाद का पटाक्षेप कर स्थिति पर काबू पा लिया है।

तत्संबंध में डॉ प्रजापति से मिली जानकारी के अनुसार पिथौरा से महज पैतालीस किमी की दूरी पर स्थित ग्राम जगदीशपुर के चार स्थानीय निवासी हाल ही में महाराष्ट्र राज्य से विचरण कर लौटे हैं। जो धान कटाई संस्थान में बतौर कामगार रोजी-रोटी कमाने गए थे। लेकिन, उनके गांव में वापसी करते ही मानो उनका गांव उनका नहीं पराया सा हो गया। दरअसल, तथाकथित रूप से कुछ पंचायत प्रतिनिधियों और गांव के सियानजनों के कहने पर उन्हें होम क्वारंटीन करने की बजाए गांव से लगी एक मिशन प्राथमिक शाला में आसरा दे दिया गया। किन्तु, जल्द ही समस्याएं उत्पन्न होने की सूचनाएं स्वास्थ्य विभाग को मिलने लगी और गहराता हुआ विवाद होकर पुलिस महकमे के संज्ञान तक जा पहुंचा। ऐसे में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल ने मसले को गंभीरता को समझते हुए तत्परता दिखाई और आनन-फानन में चिरायु दल को मौके की ओर रवाना कर दिया। जहां, पहले तो चिरायु दल ने सभी संदिग्ध मरीजों की स्वास्थ्य जांच की। इसके साथ ही दिनचर्या और दैनिक आहार में अनियमिता की शिकायत भी सामने आई। समस्या का हल निकालने के लिए संदिग्ध मरीजों के समक्ष फार्मासिस्ट श्री लेखरंजन पटेल एवं श्री ज्ञानेश्वर चंद्राकर व आरएचओ श्री तरुण सोनवानी के सहयोग से पंच-परमेश्वरों सहित उपस्थित ग्रामीणों समझाइश देकर होम क्वारंटीन के नियमावली से भली-भांति अवगत कराया गया। चर्चा समाप्ति पर सभी की सहमति से चारों संभावित मरीजों को चिरायु दल ने उनके घर पहुंचाया। जहां, एक बार फिर घरेलू माहौल की टोह ली गई। पृथक कक्षों में शुद्ध हवा की स्थिति, शौंचालय एवं साफ-सफाई आदि की सुविधाओं का जायजा लेने के बाद चारों को होम क्वारंटीन किया गया। इस दौरान होम क्वारंटीन के स्टीकर चस्पा कर संबंधितों के परिजनों को भी उक्त संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए नियमों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी गई है।

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