
जेल में बंद कैदियों से भी बदतर…क्वारेंटाइन में रखे कोरोना योद्धाओं को दिया…ऐसा खाना की लगने लगे दस्त… बदहाल व्यवस्था में काट रहे दिन… सुनने वाला कोई नहीं..
कोरिया जिले में क्वारेंटाइन किए गए स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस और सफाईकर्मियों को बदहाली के आलम में जेल में बंद कैदियों से भी बदतर व्यवस्था के साथ रहना पड़ रहा है।
दरअसल झारखंड से आ रहे प्रवासी मजदूरों को कोरिया जिले के देवानी बांध आश्रम में क्वॉरेंटाइन किया गया था। बाद में मजदूरों को बॉर्डर में छोड़ दिया गया था। इन मजदूरों की देखरेख भोजन व्यवस्था व लाने ले जाने में जिन पुलिस, स्वास्थ व सफाई कर्मचारियों ने अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी एक कोरोना योद्धा के रूप के निभाई थी। इन सभी 34 कोरोना योद्धाओं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास लालपुर मनेंद्रगढ़ में क्वारेंटाइन किया गया है।

इन सभी कोरोना योद्धाओं को आरंभ से ही बदहाली के बीच अपना समय काटना पड़ रहा है। शुरू में ही इन्हें इल्ली युक्त चावल खाने को दिया गया। कीड़े और इल्ली वाले चावल की खबर PAGE-11 में लगने के बाद एक-दो दिन तो व्यवस्था सुधारी गई।

लेकिन जैसा कि जाहिर है सरकारी व्यवस्था अपनी पटरी से डगमगा नहीं सकती। फिर वही बदहाली चालू हो गई वहां रुके लोगों ने पेज 11 को बताया कि सोमवार की शाम खाने में जो दाल दी गई थी वह काफी खट्टी थी… शायद खराब हो चुकी थी… उसेे खाने के बाद 12 लोगो का पेट खराब हो गया और उन्हें दस्त लगने लगे। पीने का पानी भी गंदा दिया जा रहा है… मच्छर भी बहुत हैं…! जिसकी शिकायत उन्होंने अधीक्षक की, लेकिन इसके बावजूद किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई। यह भी जानकारी मिली है कि यहांं का शौचालय भी काफी गंदी स्थिति में और उसे साफ़ भी नहींं कराया जा रहा है। खाने की गुणवत्ता में भी किसी भी प्रकार कोई सुधार भी नहीं हुआ है। कुल मिलाकर इन सभी की हालत जेल में बंद कैदियों से भी बदतर है। इन बातों को सुनकर कोरोना की आपदा में डटकर खड़े इन योद्धाओं केे मनोबल पर क्या असर पड़ रहा होगा, यह सिर्फ जिला प्रशासन ही बता सकता।
