♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

कोरोना की आपदा में भी भ्रष्टाचार का कोई मौका नहीं छोड़ रहे एसईसीएल के अधिकारी…कोविड-19 के मेडिकल किट खरीदी में भारी घोटाला… इसकी आंच पहुंची सीएमडी बिलासपुर तक..

कोरोना संकट से निपटने की आड़ में एसईसीएल द्वारा किया गया बड़ा घोटाला सामने आया है। एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय के अधीन हसदेव क्षेत्र ने लाखों रुपए के ऐसे कोविड-19 के मेडिकल सामान की खरीदी की है, जिसकी कीमत खुले बाजार में तीन से चार गुना कम है। यही नहीं, एक अधिकारी को खरीदी करने सीधे जबलपुर भेजा गया था। इस घोटाले में एसईसीएल मुख्यालय में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत की भी बू आ रही है।
एसईसीएल मुख्यालय ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को कोविड -19 से लड़ने के लिए फंड जारी किए हैं। इसमें हसदेव क्षेत्र भी शामिल है। इस राशि से मेडिकल सामान खरीदना था। पता चला है कि हसदेव क्षेत्र के भंडार विभाग में पदस्थ एके भक्ता (वरीय प्रबंधक ) भंडार द्वारा जारी आपूर्ति आदेश po no:secl/hsd /cms /stores/nrc/20-21/05 दिनांक 10 अप्रैल 2020, आपूर्ति आदेश po no:secl/hsd /cms /stores/nrc/20-21/07 दिनांक 13 अप्रैल 2020 एवं आपूर्ति आदेश po no:secl/hsd /cms /stores/nrc/20-21/08 दिनांक 14 अप्रैल 2020 को मेसर्स वर्षा सर्जिकल एंड मेडिकल, बीके टावर बलदेव बाग जबलपुर को आपूर्ति आदेश जारी कर 10 से 14 मार्च के बीच कोरोना संकट के निपटने के लिए N 90 मास्क ,पीपीई किट, सर्जिकल मास्क 3 लेयर, सर्जिकल कैप ,हाइपो क्लोराइड सॉल्यूशन ,थर्मल स्कैनर नॉनकॉन्टैक्ट थर्मामीटर, N -90 मास्क विथ रेस्पिरेटर ,पीपीई किट 80 जीयसम सप्लाई करने कहा गया था।

किसी भी ब्रांड का उल्लेख नहीं

 

 

सूत्र बताते हैं कि जितनी मात्रा में सामान सप्लाई का आर्डर दिया गया था, उससे बहुत कम मात्रा में सामान की सप्लाई कर कमीशनखोरी कर ली गई है। क्वालिटी से समझौता किया, सो अलग। दरअसल, अधिकारी द्वारा जारी आदेश में किसी भी ब्रांडेड कंपनी के सामान का उल्लेख नहीं है। यह कमीशनखोरी करने के लिए एक साजिश ही थी।

डस्ट रोकने वाली मास्क खरीदी

 

 

अधिकारियों से मिलीभगत होने के कारण संबंधित फर्म ने डस्ट रोकने वाली मास्क की सप्लाई कर दी है। आपूर्ति आदेश में जिस एन-95 मास्क की सप्लाई करने कहा गया था, उसकी कंपनी या ब्रांड के नाम का उल्लेख नहीं है। इसलिए आपूर्तिकर्ता ने एन-95 मास्क की जगह एफपीपी-1 मास्क की सप्लाई कर दी, जिसका उपयोग डस्ट  रोकने के लिए  किया जाता है।

40 रुपए का सामान 290 रुपए में खरीदा

उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार फर्म ने जिस मास्क की सप्लाई की है, उसकी कीमत 290 रुपए बताई गई है, जबकि यह मास्क खुले बाजार में 40 से 50 रुपए में मिल जाता है।

पीपीई किट भी घटिया

एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के अधिकारी ने कोरोना की आड़ में अपनी और मुख्यालय में बैठे अधिकारियों की जेबें भरने के लिए कई तरह की साजिश की है। उन्होंने पीपीई किट का आर्डर करते समय भी किसी भी तरह की कंपनी या ब्रांड का उल्लेख नहीं किया। बताया जा रहा है कि फर्म ने जो पीपीई किट सप्लाई की है, उसमें लेमिनेशन और टेपिंग भी नहीं है। बहुत ही घटिया किस्म पीपीई किट होने के साथ ही इसकी साइज बहुत छोटी है, जिसे पहनने में डॉक्टरों को बड़ी दिक्कत होगी। कई डॉक्टरों के शरीर में तो यह पीपीई किट घुस भी नहीं पाएगी।

3500 का माल 8000 में खरीदा

हसदेव क्षेत्र ने सोडियम हाइपोक्लोराइट सैनिटाइजिंग के लिए खरीदा है, जिसकी कीमत खुले बाजार में 40 से 50 रुपए है, जबकि आपूर्तिकर्ता ने करीब 180 रुपए प्रतिलीटर के भाव से इसकी आपूर्ति की है। मतलब खुले बाजार से लगभग 4 गुना अधिक दर पर। इसी तरह से नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर खुले बाजार में 3500 से 5000 रुपए के आसपास ब्रांडेड कंपनी के आसानी से मिल जाते हैं, जबकि यही सामान करीब 8000 रुपए में क्रय किया गया है, वह भी घटिया स्तर का।

जबलपुर से खरीदना संदेह

 

जब जोहिला, सोहागपुर, जमुना कोतमा क्षेत्र जबलपुर के नजदीक हैं। फिर भी इन क्षेत्रों ने जबलपुर के बजाय बिलासपुर और रायपुर से ये सामान खरीदे हैं। ऐसी स्थिति में हसदेव क्षेत्र द्वारा जबलपुर से ये सभी सामान क्रय किया जाना सुनियोजित तरीके से किए गए भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। इतना ही नहीं, इस सामान को क्रय करने के लिए एक सीनियर अधिकारी एके भक्ता को 12 अप्रैल को एंबुलेंस से ऑफिशियल टूर पर जबलपुर भेजा गया और आने पर 14 दिन के लिए इन्हें क्वॉरेंटाइन भी किया गया था। सवाल यह उठता है कि ऑनलाइन के इस दौर में सामानों का क्रय करने के लिए आखिर जाकर खरीदने की क्या जरूरत आन पड़ी थी।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close