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कोरिया की महिलाओं ने लिखी सफलता की नई इबारत… वर्मी खाद के विक्रय से महिला समूह ने कमाए 1 लाख..जिला प्रशासन का कुशल नेतृत्व…

गोधन न्याय योजना

कलेक्टर श्री राठौर एवं सीईओ जिला पंचायत ने प्रदाय किया राशि चेक

अनूप बड़ेरिया

राज्य शासन की गोधन न्याय योजना ग्रामीण विकास में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इसका प्रमाण हैं विकासखंड सोनहत के स्व सहायता समूह जिन्होंने कुल 11 टन वर्मी खाद वन विभाग को विक्रय किया, और इसके एवज में उन्हें कुल 93 हजार 500 रू. की आमदनी प्राप्त हुई। जिला प्रशासन के कुशल नेतृत्व में गांव के ही संसाधनों से गांव में आजीविका उपलब्ध कराने में यह योजना सफल हो रही है।
कलेक्टर श्री एसएन राठौर एवं सीईओ जिला पंचायत तूलिका प्रजापति के द्वारा आज कुल 93 हजार 500 रू. की राशि का चेक क्रांति महिला संकुल स्तरीय संगठन की महिलाओं श्रीमती पुष्पा देवी एवं श्रीमती यशोदा साहू को प्रदान किया गया। एवं उन्हें शुभकामनाएं देते हुए इसी तरह बेहतर कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया।


बता दें कि गोधन न्याय योजना क्रियान्वयन के प्रथम चरण में विकासखंड सोनहत के संकुल कटगोड़ी अंतर्गत गौठान ग्राम घुघरा, पोंडी, सलगंवाकला के गौठानों से स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित कुल 11 टन वर्मी खाद वन विभाग को विक्रय किया गया, जिसके भुगतान के रूप में कुल 93 हजार 500 रू. की आमदनी समूह को प्राप्त हुई। इसके अलावा विकासखंड मनेन्द्रगढ़ से भी संतोषी स्व सहायता समूह गौठान ग्राम रोझी द्वारा वन विभाग को 15 क्विंटल खाद विक्रय किया गया, जिसके भुगतान के रूप में कुल 12 हजार 400 रू. की राशि का चेक प्राप्त हुआ।
शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जिले में कुल 135 गौठानों में गौठान समिति द्वारा गौ पालकों से दो रूपये प्रति किलो ग्राम की दर से गोबर क्रय किया जा रहा है एवं बिहान योजना की महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी खाद का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में जिले की 135 गौठानों में से 102 गौठानों में वर्मी खाद बनाया जा रहा है। कुल 1 हजार 230 स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा अब तक कुल 49 हजार 185 किलो ग्राम वर्मी खाद बनाया गया है जिसमें से 34 हजार 385 किलो ग्राम वर्मी खाद का विक्रय किया गया है और 14 हजार 770 किलो ग्राम खाद अभी गौठानों में शेष है। विक्रय किये गये वर्मी खाद से अब तक कुल 3 लाख 710 रूपये प्राप्त किया जा चुका है वहीं आगामी दिनों में 1 लाख 40 हजार 150 किलो ग्राम वर्मी खाद तैयार होने की संभावना है।


गोधन न्याय योजना अंतर्गत गौठान ग्रामों में गोबर खरीदी से न केवल गांव के गोपालकों को अतिरिक्त आय का जरिया प्राप्त हुआ है, अपितु वर्मी खाद के निर्माण कार्य से जुड़ कर 135 स्व सहायता समूह की 1 हजार 410 महिलाओं ने भी आजीविका प्राप्त की है। जिसके फलस्वरूप आगामी रबी के मौसम में फसल की तैयारी के लिए किसानों को गौठानों से शुध्द जैविक वर्मी खाद प्राप्त होगी, जिसे किसान सहकारी समितियों के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे।

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