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कजराबांधा में सोखता में गिरकर मासूम वेदांत की मौत के मामले में आया नया मोड़, मौत के सौदागरों पर कार्रवाई के सवाल पर बचते नजर आ रहे अफसर

जानकारी देने के बदले एक दूसरे पर थोप रहे जिम्मेदार अफसर, मासूम की आत्मा भी कोस रहा होगा गैर जिम्मेदार अफसर व दोषियों को

दक्षिणापथ, बालोद। गुण्डरदेही ब्लाक के ग्राम कजराबांधा में सोखता में गिरकर मासूम वेदांत की मौत के मामले में एके नया मोड़ आया है। मासूम वेदांत के मौत के सौदागरों पर कार्रवाई के सवाल पर अफसर बचते नजर आ रहे हैं। मीडिया को जानकारी देने के बदले एक दूसरे पर जिम्मेदार अफसर थोप रहे हैं। जिसके कारण अब तो मासूम की आत्मा भी कोस रहा होगा गैर जिम्मेदार अफसर व दोषियों को। जी हां यह मोड़ तब आया जब सोमवार को इस मामले पर क्या कार्रवाई हुई का जवाब मांगने जब मीडिया ने गुण्डरदेही एसडीएम प्रियंका वर्मा से जानकारी लेनी चाही तो उसने तो पहले सरपंच सचिव को नोटिस भेजे जाने की बात की। लेकिन लापरवाह सरपंच, सचिव पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने अपर कलेक्टर से बात कर जानकारी ले लेने की बात मीडिया से की। उसके बाद जब मीडिया ने इसी संबंध में जानकारी लेने व कजराबांधा के सरपंच सचिव पर कार्रवाई का सवाल अपर कलेक्टर श्री वाजपेयी से करने के लिए लगाए तो उन्होंने बताया कि उनके पास एसडीएम गुण्डरदेही से जो रिपोर्ट आई है उसमें मृतक के परिवार को आरबीसी 6-4 के तहत सहायता राशि दिलाये जाने की बात दर्शायी है। उन्होंने सरपंच सचिव पर कार्रवाई के सवाल पर कहा कि सरपंच पर पुलिसिया कार्रवाई के लिए एसडीएम है और निष्काशन की कार्रवाई के लिये जनपद सीईओ होने की बात कह दी। बहरहाल इस मामले में दोशी सरपंच सचिव पर आपराधिक कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है। जिससे जिला प्रशासन व जांच अधिकारियों की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठने लगा है।
क्या है मामला
ग्रामीणों की मानें तो सरपंच दूजराम चंद्राकर एवं सचिव भूपेश कुमार द्वारा उस सोखता गड्ढा को लगभग 15 दिन पहले से खोदकर रखे हुए थे। गड्ढे के आसपास व ऊपर किसी भी प्रकार की सुरक्षा कवच नहीं रखी गई थी। वहीं उस सोखता गड्ढा में 1 सप्ताह पूर्व एक बालक उसी गड्ढे पर गिर गिर गया था। जिसे एक 6 साल का कुणाल नामक बच्चा उस गड्ढे से खींचकर बाहर निकाला था। उसके बाद 8 जुलाई को यह दूसरी घटना हो गया और एक गरीब परिवार की वेदांत यादव की उस सोख्ता गड्ढा में लगभग 2 बजे मौत हो गया।

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