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जिला पंचायत अध्यक्ष का गृहग्राम बना लाल ईटो का गढ़ खनिज विभाग कार्रवाई के नाम पर नींद में गाफिल पर्यावरण को क्षति पहुचाने निभा रहे भागीदारी

रायगढ़ से शशिकांत यादव

रायगढ़-/-प्रतिबन्ध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहे लाल ईटो का निर्माण खनिज विभाग के उदासीन रवैय्ये को दर्शा रहा है।जहाँ विभाग की नाक के नीचे जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर के फासले जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल के ही गृहग्राम धनागर में लाल ईटो के दर्जनो अवैध ईट भट्टे संचालित होते देखे जा सकते है।इन ईट निर्माणकर्ताओं को न केवल नियमो को ताक में रखकर ईंटो के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराई जाती है।बल्कि सभी अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है।बहरहाल जब जिला पंचायत अध्यक्ष के गृहग्राम का यह हाल है तो समूचे जिला के ग्रामीण अंचलों का अंदाजा लगाना सहज हो जाता है। जिन पर खनिज विभाग की नजरे ईनायत बनी नजर आ रही है।
क्या ग्राम पंचायत खनिज विभाग को उपलब्ध कराते है जानकारी?
गौरतलब हो कि लाल ईटो के निर्माण हेतु विधिवत ग्राम पंचायत से अनुमति लेनी होती है।जहां ईट भट्टे के ठेकेदार को भट्टे में कार्यरत मजदूरों की जानकारी खनिज व श्रम विभाग को देते हुए उनका पंजीयन कराना होता है। तो क्या जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में संचालित सैकड़ो ईट भट्टो में कार्यरत हजारो बाहरी कामगारों की जानकारी श्रम विभाग अथवा सम्बन्धित थाना क्षेत्रों को है। या फिर लाल ईटो के निर्माण से जिम्मेदारों को कोई सरोकार ही नही है?
फ्लाईऐश का उपयोग कहा?
वैसे तो उधोगो से निकलने वाले फ्लाईऐश डस्ट को इटो के निर्माण में प्रदूषण व स्वास्थ्य के मद्देनजर फ्लाईऐश के उपयोग की अनिवार्यता बताई जाती है। बावजूद इसके इनका उपयोग लाल इटो के निर्माण में न होकर जिले के ग्रामीण अंचलों के खेतों में इसकी डंपिंग कर न केवल ऊपजाऊ भूमि को बंजर बनाया जा रहा है। बल्कि प्रदूषण फैलाने में भी कारगार साबित हो रहा है। जिसकी अनदेखी न केवल ग्राम पंचायत प्रतिनधियों द्वारा की जा रही है।बल्कि इस नियमविरुद्ध कार्य मे उनका भरपूर सहयोग भी जान पड़ रहा है।

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