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भटक रही जनता..नही मिल रही ऋण पुस्तिका.. 5 हजार ऋण पुस्तिका आयी..लेकिन हिसाब सिर्फ ढाई सौ का..

भटक रही जनता..नही मिल रही ऋण पुस्तिका..

5 हजार ऋण पुस्तिका आयी..लेकिन हिसाब सिर्फ ढाई सौ का..

आम आदमी के लिए अहम दस्तावेज है..

अनूप बड़ेरिया
जमीन से सम्बंधित सबसे महत्त्वपूर्ण दस्तावेज ऋण पुस्तिका जिसे आम आदमी की बोल चाल में जमीन का पट्टा भी कहा जाता है।  इस अहम ऋण पुस्तिका की जिला मुख्यालय बैकुठपुर में भारी किल्लत चल रही है। शहरीय आम आदमी के साथ गांव का किसान भी अपनी जमीन का पट्टा बनवाने के लिए पटवारी से लेकर तहसीलदार के चक्कर लगानेंक बावजूद ऋण पुस्तिका नही मिल रही है। जरूरमन्दों को सिर्फ यह जवाब मिलता है की अभी ऋण पुस्तिका खत्म हो गयी है, जब ऊपर से आएगी तब मिलेगी।
  लेकिन भू अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार 5 हजार ऋण पुस्तिका स्वीकृत कर भेजी गई थी, जिसमे मात्र 250 का ही हिसाब भू अभिलेख शाखा को मिला है। जिससे नई ऋण पुस्तिका जारी नही हो रही है। अब सवाल यह उठता है कि बाकी की 4750 ऋण पुस्तिका कहां हैं और इसका हिसाब देने की जवाबदेही किसकी है।
 ऋण पुस्तिका अर्थात पट्टा नही होने से लोगो के बैंक ऋण, समिति ऋण व कोर्ट की जमानत जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य लंबित हो गए हैं।जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिला कलेक्टर को इस ओर संज्ञान लेना चाहिए। यह आम आदमी से जुड़ा काफी गम्भीर मसला है। लोग काफी समय से ऋण पुस्तिका के लिए परेशान हो रहें हैं।
संजय अग्रवाल
भाजपा नेता
इसकी जानकारी आरओ मीटिंग में भी विभाग को दी गयी है। तहसील कार्यालय के क़ानूनगों के माध्यम से पटवारियों को नही दिए जाने से इसकी जानकारी हमारे द्वारा नही दी जा सकती। अधीक्षक भू अभिलेख को इस दिशा मे कार्यवाही करनी चाहिए । कुछ पटवारियों के पास ऋण पुस्तिका उपलब्ध है।
ऋचा सिंह
तहसीलदार, बैकुंठपुर
5000 ऋण पुस्तिका में से मात्र 250 का हिसाब  मिला है । इसी वजह से राज्य स्तर पर डिमांड भी  की जा रही है । मैंने आरओ बैठक में कई बार इसकी जानकारी मांगी है। यह भी हो सकता है कुछ पटवारी ऋण पुस्तिका दबा कर बैठ है हों। जब तक कुल कितनी ऋण पुस्तिका  वितरण हुई है इसकी जानकारी नही मिल पाएगी तब तक शासन से इसकी डिमांड नही कर सकते।
एमडी ईराकी
अधीक्षक, भू-अभिलेख

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