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भारत में मध्यस्थता की संस्कृति विकसित हो रही है यह कहा जस्टिस सीकरी ने  ….जीडी गोयनका में व्यावसायिक मध्यस्थता की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए दुनिया …. … 

 

गुरुग्राम।

जीडी गोयनका विश्वविद्यालय ने सीआईएआरबी (भारत) के सहयोग से वाणिज्यिक मध्यस्थता पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मूट प्रतियोगिता का आयोजन किया। उद्घाटन सत्र में बोलते हुए न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने कहा कि भारत में मध्यस्थता फल-फूल रही है, लेकिन हम अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बनने से बहुत दूर हैं।


इस मूट प्रतियोगिता का आयोजन छात्रों को व्यावसायिक विवादों के शीघ्र निपटारे के लिए प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से किया गया है। जीडी गोयनका विश्वविद्यालय के कुलपति और स्कूल ऑफ लॉ के डीन प्रो. तबरेज़ अहमद ने कहा कि भारत को मध्यस्थता केंद्र बनने के लिए मध्यस्थता नियमों को परिष्कृत करना और एक मजबूत संस्कृति का निर्माण करना आवश्यक है।
जीडी गोयनका विश्वविद्यालय ने व्यावसायिक मध्यस्थता की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया था। श्रीलंका के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सलीम मार्सूफ ने भी वाणिज्यिक विवादों के त्वरित निपटान के लिए मध्यस्थता की संस्कृति विकसित करने पर जोर दिया।
जीडी गोयनका – सीआईएआरबी (इंडिया) इंटरनेशनल वर्चुअल कमर्शियल आर्बिट्रेशन मूट प्रतियोगिता के पांचवें संस्करण में भारत और विदेशों के कई लॉ स्कूलों और विश्वविद्यालयों ने भाग लिया।

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