निजी प्ले स्कूल की तरह है कोरिया के यह आंगनबाड़ी केंद्र… बच्चों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराता जिले का आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र छरछा पण्डोपारा…
अनूप बड़ेरिया
राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर एवं सुराजी पोषण अभियान कोरिया के तहत जिले भर मे कुपोषण दर मे कमी लाने के लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग कोरिया द्वारा जन मानस मे जागरूकता बढाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है ।
आदर्श आंगनवाडी केन्द्र छरछा पण्डोपारा को देखकर यह लगता है कि सामुदायिक जागरूकता से कुपोषण की समस्या से निजात मिल सकती है। बच्चे जब केन्द्र मे जाते है तब उनको शारीरिक और मानसिक पोषण दोनो मिलता है ।
जिले का उत्कृष्ट आगंनवाडी केन्द्र का ऐसा ही उदाहरण है आदर्श आंगनवाडी केन्द्र छरछा पण्डोपारा। जहाँ बच्चों को सारी सुविधाएं मिलती है –पोषण आहार के साथ साथ साफ सुथरा परिवेश, गार्डन ,चलने फिरने के लिए फुटपाथ, सेल्फ किचन, हाथ धोने के लिए वाश वेशिन, बर्तन धोनें का चबूतरा, और भी बहुत कुछ है ।
रंग रोगनदार यह केन्द्र किसी निजी प्लेस्कूल से कम नही है । इस आदर्श आंगनवाडी केन्द्र की बात ही निराली है। यहां सुपोषित कोरिया अभियान के तहत जारी सभी प्रकार के भोजन मेन्यू आधारित दिये जाते है ।
जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के डीपीओ चन्द्रवेश सिसोदिया ने बताया ऐसे ही आदर्श आंगनवाडी केन्द्र की परिकल्पना अन्य जगहो के लिए भी की गई है ताकि सुपोषित कोरिया अभियान कागजो मे नहीं सामने भी दिखाई दे ।
आंगनवाडी केन्द्र मे नियमित रूप से बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है । पोषक आहार के रूप मे अंडा और बदामपट्टी भी बच्चों को दिया जाता है। इस केंद्र मे टीकाकरण ,वजन त्यौहार गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच की भी सुविधा उपलब्ध है और पोषक आहार भी दिये जा रहे हैं।
आंगनवाडी कार्यकर्ता श्यामकली का कहना है लोगों में जागरूकता बढी है । लोग अपने बच्चों के पोषण के लिए अब आगे आकर जानकारी लेते है और उनको पोषण के संबंध मे पूरी जानकारी दी जाती है । कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जाये इसके लिए हम घर घर जाकर भी उनके माता पिता से संपर्क करते रहते है ।
गांव के ही एक बुजुर्ग ननकूराम कहना है बच्चे नही बता सकते हैं उनको क्या तकलीफ़ है पर यहाँ की आंगनवाडी बहनें बच्चो की सभी परेशानी और बीमारी की जानकारी हमे उचित सलाह के साथ देती है । इन सबके साथ ही सुपोषण ट्री मुनगा अभियान के तहत जिले के सभी आंगनवाडी केन्द्रों की तरह यहाँ भी रोपित किये गये है और उनका संरक्षण भी जारी है।
पहले और अब बने आंगनवाडी केन्द्र मे बहुत अंतर है। पण्डोपारा छरछा निवासी महिला कुवंरबाई का कहना है उनके लिए यह आंगनवाडी पर्यटन स्थल की तरह ही है । गाँव वाले आये हुए मेहमानों को एक बार जरूर वहां ले जाते है और उसकी खुबसूरती और फायदे भी बतलाते है।
कुपोषण एक गंभीर समस्या है। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत देश मे कुपोषण की दर मे कमी लाने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान के साथ जिले के सभी आंगनवाडी कार्यकर्ताओ द्वारा स्कूल आधारित गतिविधियों के साथ साथ रैली भी निकाली जा रही है।