
भाजपा में सन्नाटा और ओपी को लेकर अपने अपने दावे और गजब का कॉम्बिनेशन…. विजय विकास और सुनील अब भी दौड़ में है बरकार …. भाजपा में वही होगा प्रत्याशी जो होगा आरएसएस की पसंद का …एक मात्र भाजपा नेता जिसने ओपी का खुलकर किया मुखालफत
रायगढ़ । भाजपा में रायगढ़ विधान सभा प्रत्याशी को लेकर एक गजब का कॉम्बिनेशन बना हुआ है ओपी के समर्थक पूरी तरह से ओपी चौधरी को लेकर गंभीरता से डटे हुए और दावेदारी के तौर पर ओपी के नाम की मुहर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। वही दूसरी ओर कुछ ऐसे भी हैं जो रायगढ़ से ओपी चौधरी के प्रत्याशी बनाए जाने के मुखर विरोध कर रहे हैं।
रायगढ़ विधान सभा से अचानक से जब खरसिया से महेश साहू के नाम का ऐलान होता और ठीक इसके तुरंत बाद ओपी चौधरी के रायगढ़ से चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट एकबारगी मुहिम का रूप धारण कर लेती है यहां तक कि जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का कोडातराई आगमन होता है तब मंच पर सिर्फ और सिर्फ ओपी चौधरी ही नजर आते है और यह मान लिया जाता है की रायगढ़ से ओपी चौधरी की ही टिकट पक्की है। इतना ही ओपी के सपोर्ट में स्कीम भी निकाली जाती है और गाडियों में ओपी के सपोर्ट की स्टीकर चलाने की मुहिम को गति दी जाने लगती है कुछ अपनी गाड़ी में मजबूरी में स्टीकर लगाते हैं तो कुछ स्टीकर लगाने से भी परहेज करते हैं।
इन्ही सबके बीच सुनील रामदास अग्रवाल खुलकर ओपी चौधरी की दावेदारी का खुलकर मुखलाफत करते नजर हैं और भले ही मुंह में ओपी और बगल में मुखलाफत का चोला ओढ़कर भाजपा के प्रति अपनी निष्ठा जताते रहे हैं। ओपी चौधरी के रायगढ़ से प्रत्याशी बनाए जाने से एक बड़ा वर्ग अपनी नाराजगी भी जाहिर करता है और एक खुले मंच से ओपी को यह दुहाई देते हुए कहता है की आप बड़े नेता हो भाजपा से आगामी सीएम के चेहरे हो कहीं से भी चुनाव लड़कर जीत सकते हो लेकिन रायगढ़ की सीट को आप छोड़ दो। दिन गुजरते हैं धीरे धीरे यह मुहिम कमजोर पकड़ने लगती है और अचानक से ओपी लाइम लाइट से ओझल से होने लगते हैं। शहर में दबी जुबान से कहने भी लगा जाने लगा कहां हैं ओपी चौधरी जब उनके भावी विधान सभा क्षेत्र के मुख्यालय में डेंगू को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लगभग हर जनप्रतिनिधि अपने अपने तरीके से आम जन मानस को घबड़ाने नहीं बल्कि संयम बरतने की सलाह देता नजर आता है लेकिन इस बीच पिक्चर में ओपी चौधरी नदारत रहते है तब कई तरह के सवाल भी उठने लगती है।
फिलहाल जो अंदर खाने की खबर है वो ये है की ओपी चौधरी अब समझ गए हैं कि रायगढ़ से उनकी दाल गलने वाली नहीं है इसलिए उनके कार्यकर्ता, कार्यकर्ता नहीं कहें बल्कि उनके सपोर्टर कहें तो ज्यादा बेहतर होगा वे भी साइलेंट मोड में चले जाते हैं। अंदर खाने की खबर कहती है की वो सब इन दिनो चंद्रपुर विधान सभा में संभावनाएं तलाशने में मशगूल हो गए हैं।
भाजपा के अंदरखाने के सूत्र बताते हैं कि ओपी चौधरी भले ही रायगढ़ से अमित शाह के पसंद के उम्मीदवार हैं और ओपी चौधरी फाइनल है किंतु अंदर खाने के राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि अभी कुछ भी फाइनल नहीं है क्योंकि आरएसएस रायगढ से ओपी चौधरी को टिकट देने के फैसले से नाखुश है और आरएसएस की नाखुशी का परिणाम भी गंभीर हो सकता है। भाजपा प्रत्याशी चयन समिति में अब भी मात्र तीन नाम ही चल रहे है इसमें विजय अग्रवाल, विकास केडिया और तीसरे हैं सुनील रामदास अग्रवाल । सूत्र बताते हैं की अंतिम रूप से इन्ही तीन में से किसी एक पर मुहर लगेगी और आरएसएस को इनमे से किसी को टिकट देने से कोई परहेज नहीं है। बीच में स्व रोशनलाल अग्रवाल के पुत्र गौतम अग्रवाल के नाम पर भी चर्चा चल रही थी इसे लेकर सूत्र बताते हैं की गौतम को अभी दावेदारी के लिए इंतज़ार करना होगा।
ओपी चौधरी के द्वारा जिस तरह से एकाएक रायगढ़ की क्षितिज पर उदय हुए और दावेदारी भी ऐसी की भावी प्रत्याशियों के होश फाख्ता हो गए। विजय अग्रवाल एकबारगी के लिए साइलेंट मोड में चले जाते है क्योंकि ये साल विजय अग्रवाल की राजनीत का एक बड़ा पड़ाव माना जा रहा है। आरंभ में भाजपा पूरी तरह से विजय अग्रवाल को लेकर आशान्वित थे और विजय अग्रवाल को जिताऊ उम्मीदवारों में से एक प्रमुख चेहरा मानकर चल रहे थे लेकिन अचानक से ओपी की दावेदारी ने सारा समीकरण बिगाड़ दिया पर अब जब ओपी चौधरी का शहर में जैसे जैसे मूवमेंट कम होने लगा दावेदारों के चेहरे भी खिलने लगे हैं।
अंदर खाने के सूत्र बताते है की रायगढ़ विधान सभा से भाजपा किसी अग्रवाल चेहरे को ही प्राथमिकता देगी उसमे विजय अग्रवाल पहले नंबर पर हैं इसके बाद विकास केडिया का नाम लिया जा रहा है और फिर सुनील रामदास का नाम बताया जा रहा है। अंदर खाने से एक जानकारी यह भी निकल कर आ रही है कि भाजपा से आरएसएस की पहली पसंद विकास केडिया को माना जा रहा है और विकास केडिया पार्टी और संगठन में इन दिनो एक चर्चित और सक्रिय नेता के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेश स्तरीय संगठन पर उनकी संगठन में कार्यशैली और मजबूत पकड़ ही उन्हें दावेदारों की दौड़ में बना रखा है।
फिलहाल ओपी चौधरी का ऊंट किस करवट बैठता है यह तो राजनीत के गर्भ में है और अन्ततः टिकट किसे मिलेगी कौन होगा प्रत्याशी चेहरा इस पर से भी अब बहुत जल्द परदा उठ जाएगा। हालाकि विजय अग्रवाल भी आश्वस्त है और दूसरी तरफ सुनील रामदास अग्रवाल जो खुलकर रायगढ़ से ओपी चौधरी की मुखालफत करने वाले चेहरा है वे भी अपनी पूरी ताकत और ऊर्जा के साथ दौड़ में डटे हुए हैं तो वहीं विकास केडिया जो अपने काम और मजबूत पकड़ के आधार पर दावेदारों की दौड़ में शामिल है।