कोरिया में 77 नवीन ग्राम पंचायतों का गठन…ग्रामीणों ने जताया…राज्यमंत्री गुलाब कमरों के प्रति आभार…

अनूप बड़ेरिया
सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) एवं भरतपुर-सोनहत विधायक
गुलाब कमरो की परिश्रम व सूझबूझ रंग लाई है। कोरिया जिले में 77 नवीन ग्राम पंचायतों के गठन में राज्यमंत्री का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिले में इतनी बड़ी मात्रा में नए ग्राम पंचायतों के अस्तित्व में आने पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री एवं राज्यमंत्री कमरो के प्रति आभार जताया है।
विधायक गुलाब कमरों के मीडिया प्रभारी रंजीत सिंह ने बताया कि भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो ने विधायक दल की बैठक में नवीन पंचायत गठन की तिथि बढ़ाने का मुद्दा उठाया था। विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के द्वारा नवीन पंचायत गठन की तिथि बढ़ाई गई और अब नवीन ग्राम पंचायतों का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। कोरिया जिले में पांच ब्लाक मनेन्द्रगढ़, बैकुण्ठपुर, भरतपुर, सोनहत और खड़गवां को मिलाकर पूर्व में कुल 286 ग्राम पंचायतें थीं, अब पुनर्गठन के तहत् पांचों ब्लाकों में 77 नवीन ग्रामपंचायतों के अस्तित्व में आने के बाद जिले में कुल 363 ग्राम पंचायतें हो गई हैं।
मनेन्द्रगढ़ ब्लाक में पूर्व में 57 ग्राम पंचायतें थीं यहां 15 नवीन ग्राम पंचायतों के बढ़ने के बाद कुल 72 ग्राम पंचायतें हो गई हैं।
इसी प्रकार भरतपुर ब्लाक में पूर्व में 64 ग्राम पंचायतें थीं यहां 20 नई ग्राम पंचायतें बनने के बाद कुल 84 ग्राम पंचायतें हो गई हैं।
वहीं सोनहत ब्लाक में पूर्व में 32 ग्राम पंचायतें थीं अब 10 नए ग्राम पंचायतों के अस्तित्व में आने के बाद सोनहत ब्लाक में कुल 42 ग्राम पंचायतें हो गयी।
बैकुण्ठपुर ब्लाक में पहले 69 ग्राम पंचायतें हुआ करती थीं अब 19 नवीन ग्राम पंचायतों के बनने के बाद यहां कुल 88 ग्राम पंचायतें हो चुकी हैं।
वहीं खड़गवां ब्लाक में पूर्व में 64 ग्राम पंचायतें थीं, 13 नवीन ग्राम पंचायतों के गठन के बाद
अब यहां 77 ग्राम पंचायतें हो चुकी हैं।
विधायक दल की बैठक के बाद नवीन
ग्राम पंचायतों का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। नवीन ग्राम पंचायतों के अस्तित्व में आने से ग्रामीणों में व्यापक हर्ष है। नए ग्राम पंचायत बनने से ग्रामीणों को सुविधाएं अधिक मिलेंगी। स्वतंत्र पंचायत बनने से गाँव के
विकास को गति मिलेगी साथ ही आश्रित ग्रामों से कई बार विकास कार्यों को लेकर मन मुटाव होता था उनसे भी ग्रामीणों को छुटकारा मिलेगा। ग्रामीण अपने ग्राम पंचायत के विकास के लिए स्वयं सहभागी बनेंगे।