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शिक्षा के नाम पर बच्चों से कर दी ठगी..पंचायत के राजीव गांधी सेवा केंद्र में कम्प्यूटर प्रशिक्षण के नाम पर 420 कर आरोपी फरार..शिकायत के बावजूद प्रशासन ने नही की कार्यवाही… सैकडों छात्रों का भविष्य हुआ अंधकारमय….

 

शिक्षा के नाम पर बच्चों से कर दी ठगी..पंचायत के राजीव गांधी सेवा केंद्र में कम्प्यूटर प्रशिक्षण के नाम पर 420 कर आरोपी फरार..शिकायत के बावजूद प्रशासन ने नही की कार्यवाही… सैकडों छात्रों का भविष्य हुआ अंधकारमय….

 
मरवाही से दया सिंह 
 एमएमजीकेवाय दानीकुंडी जो विगत चार वर्षों से बंशीताल पंचायत के राजीव गांधी सेवा केंद्र में बिलासपुर की एक संस्था द्वारा संचालित की जा रही थी,जिसके डायरेक्टर संदीप मिश्रा व ज्योति गुप्ता है,जो बिलासपुर में अभियान एकेडमी भी चलाते हैं। दानीकुंडी संचालित संस्था में प्रमुख संचालक कल्याण सिंह करसायल को नियुक्त किया गया। किसी कारण से इसी वर्ष ग्रामीण कौशल विकास योजना को अचानक बन्द कर दिया गया व उसके बदले वहीं प्राइवेट कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोल दिया गया।
 
जहां बच्चों से डिप्लोमा प्रशिक्षण के बदले 5000 रुपये प्रथम किश्त के रूप में ले लिया गया और बदले में रसीद भी नही दिया गया।
 
संस्था को संचालित होते विगत चार वर्ष हो चुके थे पर पंचायत को इसका कोई लाभ नही मिला,पंचायत प्रतिनिधि पिछले चार वर्षों से पंचायत में उस भवन के बदले किराया जमा करने कहा जा रहा था,पर किसी न किसी बहाने बात आगे बढ़ा दी जा रही थी। अचानक बिलासपुर संस्था से केंद्र में रखे सभी कंप्यूटर व फर्नीचर लाने एक वाहन भेजी जाती है,व समान गाड़ी में भरी जाती है, पर पंचायत प्रतिनिधि व केंद्र के छात्रों द्वारा समान ले जाने का विरोध इस लिए किया जाता है,की संस्था इस केंद्र को बंद कर भाग न जाये।
 
छात्रों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है,जब संस्था यहां से अपना समान ले जाने में असफल रही,तो उनके द्वारा छल कर अपना समान यहां से गायब करवा दिया गया। केंद्र में सुरक्षा कर्मी के रूप में घनश्याम यादव को तैनात किया गया,पर शनिवार को पंचायत के नाम पर चेक लेने उसे बिलासपुर बुला लिया गया,व चेक देने के बहाने उसे वहीं रात भर रोक लिया गया। दूसरे दिन उसे वहां से खाली हाथ वापस भेज दिया गया। वापस दानीकुंडी आने पर पता चला की केंद्र से सभी समान गायब है।चूंकि सेंटर के ताले की तीन चाभियाँ थी ,जिसमे से एक चाभी संस्था डायरेक्टर के पास थी।समान गायब होने की लिखित शिकायत मरवाही थाने में घनश्याम यादव द्वारा की गई।
 
छात्रों से मिली जानकारी व वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार सभी छात्र कल्याण सिंग के कहने पर DCA की कक्षा में पढ़ाई के लिए पैसे जमा कर रहे थे।जब संस्था बन्द होने की स्थिति बनी तो सभी ने अपना रास्ता ही बदल लिया। संस्था संचालक कल्याण सिंह करसायल से छात्र जब फोन पर बात कर अपना पैसा वापस मांगते हैं,या पैसे की रसीद मांगते हैं,तब कल्याण सिंह यह कहता है की ये क्या बात कर रहे पैसे जमा हो चुके हैं, तो रसीद मिलेगी,जिस पर एक छात्र द्वारा यह कहा जाता है, की सेन्टर से तो सारा सामान ले जा चुके हैं अब पढ़ाई कहां होगी,जिस पर कल्याण सिंह यह कहता है, की समान मैने गायब किया है क्या,  मैने थाने जाने से मना किया था,व मैं वहां की नौकरी भी छोड़ चुका हूँ,अब जो करना है कर लो।
 
एसडीएम ने दिया जांच कर कार्यवाही का आश्वाशन-
 
कहीं से कोई मदद न मिलता देख सभी छात्र आवेदन बना एसडीएम मयंक चतुर्वेदी को दिया। जिस पर एसडीएम साहब ने सभी को 11 दिसंबर तक कार्यवाही होने की बात कही।
 
 मैं छुट्टी पर हूँ,आते ही मामले की जांच करूँगा-थाना प्रभारी प्रदीप आर्य:-
 
हमने पहले एक बार यहां से समान लेकर भागने की कोशिश में उन्हें रोका था,बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए स्थान दिया गया था।उनके पास ताले की एक चाभी थी,व सुरक्षा में लगे घनश्याम यादव को बिलासपुर बुलाकर रोक लिया गया,व रात को यहां से समान गायब कर दिया गया-
सरपंच प्रतिनिधि चैन सिंह सरौता
 
मुझे रात में बिना काम के बिलासपुर में रोक लिया गया,व समान को दानीकुंडी से उठवा दिया गया।अब छात्रों का भविष्य व उनके पैसे दोनों ही डूबते नजर आ रहा।सुरक्षा के साथ मैने स्वयं भी एड्मिशन लिया था।-
छात्र व सुरक्षा कर्मी घनश्याम यादव
 
हमने कंप्यूटर डिप्लोमा के लिये कल्याण सर के कहने पर एड्मिशन लिया था,व पैसे जमा किये थे।पर संस्था से रातों रात सभी सामान का गायब हो जाना,हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है-
छात्रा रोशनी
 
काफी मुश्किल से पैसे जोड़कर मैने एडमिशन के लिए पैसे जमा किया था,अब संस्था बन्द होता नजर आ रहा,किसी का चोरी छुपे समान लेकर भागना तो यही संकेत दे रहा।
-छात्रा प्रीति
 
कल्याण सर ने हमे भरोसे पर लिया था,पर अब वो कह रहे मैने पहले ही नौकरी छोड़ दिया है।मुझे अब कोई मतलब नही।
छात्र राजेन्द्र

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