नागरिक संशोधन बिल देश हित मे- संजय अग्रवाल..CAB लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी पास..
नागरिक संशोधन बिल देश हित मे-संजय अग्रवाल..CAB लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी पास..
अनूप बड़ेरिया
आज राज्यसभा में पहले नागरिक संशोधन विधेयक, सिलेक्ट कमिटी में भेजने का प्रस्ताव गिरा । प्रस्ताव के विपक्ष में 124 और पक्ष में 99 वोट पड़े । सभी प्रस्ताव गिरने के बाद, अंत में CAB के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 मत पड़े । वहीं शिवसेना ने मतदान का बहिष्कार किया है ।
वहीं इस बिल के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने के बाद कोरिया जिला के भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने इसे देश हित मे बताते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा गया है, जिससे नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव होगा।
संजय अग्रवाल ने कहा कि नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 साल निवास करने वाले लोग योग्य होते हैं। नागरिकता संशोधन बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए निवास अवधि की बाध्यता को 11 साल से घटाकर 6 साल करने का प्रावधान है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के सभी गैरकानूनी प्रवासी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भारतीय नागरिकता के योग्य हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा इन तीन देशों के सभी छह धर्मों के लोगों को भारतीय नागरिकता पाने के नियम में भी छूट दी जाएगी। ऐसे सभी प्रवासी जो छह साल से भारत में रह रहे होंगे, उन्हें यहां की नागरिकता मिल सकेगी। पहले यह समय सीमा 11 साल थी।