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कोरिया बना छग का पहला ऐसा जिला..जहां नेपियर बीज बेच रहीं समितियां..कलेक्टर ने बांटे चेक..चारागाह से नेपियर गांठें बेचकर आर्थिक स्वावलंबन की राह पर कोरिया की गौठान समितियां..


कोरिया बना छग का पहला ऐसा जिला..जहां नेपियर बीज बेच रहीं समितियां..कलेक्टर ने बांटे चेक..चारागाह से नेपियर गांठें बेचकर आर्थिक स्वावलंबन की राह पर कोरिया की गौठान समितियां..


अनूप बड़ेरिया
 प्रदेश में सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत ग्राम विकास को साकार करता हुआ कोरिया एकमात्र ऐसा जिला बन चुका है जिसकी ग्राम गौठान समितियों को चारागाह में की गई उनकी मेहनत नगद लाभ के रूप में मिलने लगी है। कोरिया जिले के ग्राम गौठान समितियों ने राज्य में नेपियर ग्रास नामक हरे चारे की गठानें बेचकर एक लाख रूपए से ज्यादा का लाभ प्राप्त किया है। इस कड़ी में गुरूवार की सुबह जिला पंचायत सीइओ की उपस्थिति में ग्राम गौठान समितियों को कलेक्टर कोरिया डोमन सिंह ने एक लाख रूपए से ज्यादा के चेक वितरित कर ज्यादा मेहनत से अच्छी कमाई के लिए प्रोत्साहित किया। आर्थिक स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ रही समितियों के प्रतिनिधियों को चेक वितरण कर उत्साहित करते हुए कलेक्टर  डोमन सिंह ने कहा कि नेपियर ग्रास के रूप में हरे चारे की राज्य के सभी जिलों मंे व्यापक मांग है। हम इसे अधिकाधिक मात्रा में उत्पादित कर राज्य के विभिन्न जिलों को भेजकर आर्थिक लाभ ले सकते हैं। सभी ग्राम गौठान समितियों को सुझाव देते हुए उन्होने कहा कि आप अपने चारागाह को सुरक्षित रखें, वहां पानी सिंचाई, उर्वरक प्रबंधन उचित तरीके से करते हुए कोरिया कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के देख-रेख में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन प्राप्त करें। समितियों को उनके चेक का वितरण करते हुए डोमन सिंह ने जिला पंचायत सीइओ तूलिका प्रजापति, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी  एसएस राजपूत और महात्मा गांधी नरेगा टीम को और बेहतर परिणाम लाने के लिए प्रोत्साहित किया।
सुराजी ग्राम योजनांतर्गत गौठान के पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था के रूप में लगाए गए हरे चारे और नेपियर ग्रास का व्यवसायिक लाभ जिले की ग्राम गौठान समितियों को मिलना प्रारंभ हो गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी तूलिका प्रजापति ने बताया कि कोरिया में गौठानों के आसपास की रिक्त भूमि पर पांच पांच एकड़ जगह चिंहाकित कर चारागाह का निर्माण केवीके के माध्यम से कराया गया है। इनमें से आठ चारागाह अब इस स्थिति में आ चुके हैं कि उनसे पशुओं के हरे चारे के अलावा नेपियर ग्रास की गांठे बीज के रूप में अन्य जिलों केा भेजी जा रही हैं। इससे ग्राम गौठान समितियों को आर्थिक स्वावलंबन और गोठान संचालन के लिए राशि मिलने लगी है। सबसे पहले नेपियर ग्रास के बीज यानि गठानों के विक्रय करने वाले समितियों के अध्यक्षों को लाकर मिलने वाली राशि का चेक कलेक्टर कोरिया के हाथों वितरित कराया गया है ताकि उन्हे प्रोत्साहन मिल सके।

जिला पंचायत सीइओ तूलिका प्रजापति ने बताया कि आज सोनहत जनपद पंचायत अंतर्गत कुशहा की ग्राम गौठान समिति के अध्यक्ष श्रीमती जयकुमारी को 30 हजार रूपए, सलगंवा  ग्राम गौठान समिति के अध्यक्ष  सुंदर काशी सिंह को 37 हजार पांच सौ रूपए और घुघरा की समिति के अध्यक्ष  लालमन राजवाडे़ को 10 हजार पांच सौ रूपए के चेक के साथ बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत की सोरगा ग्राम गौठान समिति के अध्यक्ष बिहारी को उनकी पहली कमाई के रूप में 36 हजार रूपए के चेक प्रदान किए गए हैं। चारागाह के व्यवस्थित प्रबंधन को देख रहे कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक  राजपूत ने बताया की सबसे पहले कोयंबटूर से नेपियर ग्रास की किस्म सीओबीएन-एस के बीज मंगाकर चारागाहों में लगाए गए थे। अब इनकी अच्छी फसल होने से हम इसे ग्राम गोठान समितियों के माध्यम से सूरजपूर, महासमुंद और रायपुर जिलों को बेच चुके हैं। आने वाले माह में हम एक लाख से ज्यादा बीज मात्र रायपुर जिले में भेजने वाले हैं। राजपूत ने बताया कि एक गांठ रूपी बीज की कीमत बाजार में डेढ़ रूपए प्राप्त होती है। इसी दर से जिले की समितियों के बीज अन्य जिलेां में मांग के आधार पर भेजे जा रहे हैं। इस अवसर पर अपर कलेक्टर  अहिरवार, जिला जनसंपर्क अधिकारी  लक्ष्मीकांत कोसरिया,जिला पंचायत की महात्मा गांधी नरेगा टीम और जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर तथा सोनहत के कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा तथा चारों ग्राम पंचायत के ग्राम सचिव भी उपस्थित रहे।

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