यातायात विभाग की शहर मे किरकिरी होने व बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के बाद जागा यातायात विभाग .. देर से ही सही पर आखिर जागा यातायात विभाग और अब जागेंगे पालक ….
यातायात विभाग की शहर मे किरकिरी होने व बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के बाद जागा यातायात विभाग..
देर से ही सही पर आखिर जागा यातायात विभाग और अब जागेंगे पालक ….
कहीं हर बार की तरह रईसगिरी व नेतागिरी ही हावी न हो जाये ….
लक्ष्मीकांत दुबे रायगढ़
शहर मे धड़ल्ले से और तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले नाबालिक बच्चों पर आज कार्यवाही करने यातायात डीएसपी व उनके अधीनस्थ कर्मचारी एक्शन मोड मे नजर आई। आज लगभग 7: 30 बजे शहर के सत्तीगुडी चौक मे यातायात डीएसपी व उनकी टीम ने वाहन चलाने वाले बच्चों को पकड़ा तथा उनके पालकों को बुलाया गया तथा गाड़ीयों को थाने ले जाया गया l
शहर मे लगातार हो रही सड़क दुर्घटना से यातायात विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगना चालू हो गया था तथा यातायात विभाग की छबि किरकिरी हो रही थी। लगातार सडक हादसों के बढ़ते ग्राफ के बाद देर से ही सही पर समय रहते विभाग जाग गया है। इस यातायात डीएसपी की कार्यवाही की शहर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। सत्तीगुडी चौक से आने जाने वाले लोगों ने खड़े होकर अपने अपने लोगों के बीच प्रतिक्रिया व विचार साझा किया जिसमें अधिकांश लोगों ने इस कार्यवाही की प्रशंसा की तथा इसे अच्छा कदम बताया ।
किन्तु कुछ लोगों का मानना था कि इस तरह की कार्यवाही कई बार हो चुकी है और होती है किन्तु नियम कानून सबके लिये लागू नही होता और सब पर समान कार्यवाही नही होती , हर जगह रईस गिरी व नेतागिरी हावी हो जाती है जिसके चलते अधिकारीयों कर्मचारीयों को झुकना व समझौता करना पड़ ही जाता है। भले ही शहर मे स्थानीय लोगों के बीच इस कार्यवाही को लेकर जो भी प्रतिक्रिया सामने आ रही हो लेकिन यातायात विभाग का यह सराहनीय कदम हैं क्यों कि पालकों द्वारा नाबालिक बच्चों को गाड़ी दे देने से कई प्रकार अप्रिय घटनायें घट चुकी है, घट रही है तथा घट सकती है। कई पालकों ने तो इस लापरवाही का खामियाजा अपने जिगर के टुकडे को खोकर चुकाया है बावजूद इसके पालक गंभीर नही है l
अब देखना यह होगा कि यातायात विभाग सब पर समान कार्यवाही करता है या नही और क्या कार्यवाही करता है कि हर बार की तरह इस बार भी रईस गिरी व नेतागिरी के चलते कार्यवाही के नाम पर सीधे साधे लोगों पर ही कार्यवाही कर कागजी खानापूर्ति होता है।