तहसीलदार को कड़ी फटकार::कलेक्टर के तल्ख तेवर::कैंसर के इलाज के लिए बेचना था जमीन…पीड़िता बंटवारानामा के लिए लगा रही थी तहसील के चक्कर..
अनूप बड़ेरिया
कोरिया कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज जन चौपाल के दौरान कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने एक आवेदन को बारीकी से अध्ययन की। प्रकरण पटना तहसील का था। फरियादी के आवदेन पर पटना तहसीलदार से इस बाबत जानकारी प्राप्त की किंतु तहसीलदार उमेश कुशवाहा का जवाब संतोषप्रद नहीं होने पर कलेक्टर नाराज हुई और जमकर फटकार लगाई।
यह है मामला
ग्राम करजी, तहसील पटना, निवासी कतवारी लाल विगत डेढ़ साल से कैंसर बीमारी से जूझ रहा है। आवेदिका श्रीमती श्यामपति की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है। ऐसे में उन्होंने अपने पति के समुचित इलाज के लिए अपने हिस्से के जमीन को बेचकर इलाज कराना चाह रही है। आवेदिका श्रीमती श्यामापति लगातार तहसील कार्यालय, पटना जाकर संयुक्त खाते के जमीन को बंटवारा नामा कराने के लिए लगातार चक्कर लगा रही थी। बीमार से ग्रस्त श्री कतवारी लाल के तीनों बहन नहीं चाहती थी कि जमीन का बंटवारा हो और समय पर इलाज हो, पर तहसीलदार उमेश कुशवाहा सेमामले को लंबित रखे हुए हैं। तहसीलदार की उदासीनता से वे काफी दुखी नजर आई।
किंतु इस बार आवेदिका ने कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के समक्ष जन चौपाल पहुंचकर पूरी जानकारी आवेदन के माध्यम से दी। संवेदनशील कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने आवेदन को गंभीरता पूर्वक अध्ययन की और मामले को तत्काल समझ गई। उन्होंने जन चौपाल में ही तहसीलदार उमेश कुशवाहा को जमकर फटकाई लगाई। उन्होंने कहा कि आपको, आम लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ही नियुक्त किया गया, जबकि आप लोग खुद समस्या खड़े कर रहे हैं। शासन आप लोगों को हर सुविधा मुहैया करा रही है। पीड़ित दर-दर भटक रही हैं, थोड़े से भी मानवीयता नहीं है, इतना संवेदनहीन बन चुके हो। आवेदिका के पति कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं जबकि तहसीलदार बंटवारानामा तैयार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने तत्काल इस मामले को निराकरण करने के निर्देश पटना तहसीलदार उमेश कुशवाहा को दिए हैं।