खरसिया में चरमराई हुई है वैक्सीनेशन की व्यवस्था ▪️ अकुशल कर्मचारी खुद को समझ रहे पंसारी
खरसिया-/- जिले में वैक्सीनेशन को लेकर बड़े-बड़े आंकड़े प्रसारित तो किए जा रहे हैं, परंतु वास्तविकता की परख इस बात से की जा सकती है कि प्रदेश की राजनीति का केंद्र बने खरसिया शहर में ही बिना किसी एंट्री के खास लोग वैक्सीन लगवा कर चले जाते हैं, वहीं बहुत से आमजनों को अपरिपक्व मेडिकल स्टाफ द्वारा कहा जाता है कि 10 लोग होंगे तभी वायल खोला जाएगा, आप कल आइए! जबकि ऐसा तब कहा जाता है जब कतार में 6 लोग खड़े रहते हैं, वहीं एक वायल की एक्सपायरी 4 घंटे बाद होती है, तो क्या इन 4 घंटों में यह अपरिपक्व मेडिकल स्टाफ और चार लोगों का वैक्सीनेशन कर पाने में अक्षम है?
बुधवार को देखा गया है कि दीनदयाल सामुदायिक भवन में वैक्सीनेशन के लिए दो काउंटर लगे होने की जानकारी अनेक सोशल मीडिया ग्रुपों में शेयर की गई। वहीं वास्तविकता यह है कि इस स्थान पर सिर्फ एक ही वैक्सीन काउंटर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाया गया था। वहीं उल्लेखनीय यह भी होगा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे अकुशल लोगों को वैक्सीनेशन के लिए या फिर डाटा एंट्री के लिए भेजा गया था कि उन्हें इतनी भी समझ नहीं कि पहले रजिस्ट्रेशन होना है बाद में वैक्सीनेशन। ऐसे में ना जाने कितने लोगों ने वैक्सिंग लगवाई और कितने लोगों की एंट्री की गई। आंखों देखी घटना यह है कि खानचंद श्रीवानी को बिना किसी रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन लगाई गई, वहीं जब इस अव्यवस्थित सिस्टम पर सवाल उठाया गया, तब आनन-फानन में इस युवक को ढूंढ कर लाया गया और उसका रजिस्ट्रेशन किया गया। 5 मिनट की उपस्थिति में ही जब गड़बड़ियां जाहिर हो रही हैं तो जाहिर सी बात है कि न जाने कितनी खामियां वैक्सीन के नाम पर की जा रही होंगी।
▪️ डाटा मिलान को लेकर उठने लगी मांग
बुधवार को विकासखंड में 2400 लोगों का वैक्सीनेशन करने के निर्देश थे। वहीं आंकड़ों को देखें तो 22 सौ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगा भी दी गई। जबकि स्थिति इसके विपरीत देखी जा रही है कि हर कोई वैक्सीन सेंटर से नाराज होकर लौटता दिखा। ऐसे में सुधि लोगों का कहना है कि चालाक मेडिकल स्टाफ द्वारा इधर का डाटा उधर और उधर का डाटा इधर कॉपी पेस्ट किया जा रहा होगा। ऐसे में यदि कंप्यूटर में फीड डाटा और वास्तविकता की निष्पक्ष जांच की जाए तो हजारों नाम फर्जी निकलने की संभावना है।
▪️ फेलवर साबित हो रहे खरसिया के जवाबदार अधिकारी
खरसिया की अव्यवस्थित वैक्सीनेशन व्यवस्था को लेकर एसडीएम गिरीश रामटेके, बीएमओ अभिषेक पटेल तथा अन्य जवाबदार अधिकारियों से चर्चा की गई परंतु वही ढाक के तीन पात। दूसरे दिन गुरुवार को भी नगर के प्रमुख वैक्सीन सेंटर में दोपहर 1:10 तक ताला जड़ा हुआ था। वहीं मनमानी इंट्री करने वाले वैक्सीन सेंटर में महज 23 लोगों को वैक्सीन लगाने की बात कही गई। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बंदर को हल्दी की गांठ मिल जाने पर वह अपने आप को पंसारी समझ बैठता है, बिल्कुल इसी तर्ज पर नगर में वैक्सीनेशन किया जा रहा है।