जिले में पहले ही काफी प्रदूषण है ऐसे में सिंघल व इंड सिनर्जी के विस्तार कतई उचित नहीं: शिव सेना ने जताया विरोध
रायगढ़। जिले में बड़े पैमाने पर उद्योग एवं कोल माइन्स के खुलने से प्रदुषण का स्तर काफी बढ़ गया है। एनजीटी ने भी रायगढ़ जिले में प्रदुषण को लेकर चिंता जताई है ,लेकिन स्थानीय अधिकारियों को इसकी कोई चिंता नहीं है। खास कर तमनार व घरघोड़ा ब्लाक में काफी औद्योगिक प्रदुषण है जिसके लिए नागपुर की सरकारी संस्था नेशनल इन्वायरमेंटल इजिंनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट को अध्ययन करने का निर्देश भी दिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण मण्डल द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जब तक प्रदुषण का अध्ययन नहीं हो जाता तब तक कोई भी नया उद्योग या पुराने उद्योग का विस्तार नहीं हो सकता। बावजूद इसके रायगढ़ पर्यावरण विभाग एवं जिला प्रशासन को पता नहीं किस बात की जल्दबाजी है जो उद्योगों के विस्तार की कोरोनाकाल में लगातार जनसुनवाईयां करवा रहा है। शिव सेना इसका पुरजार विरोध करती है तथा अधिकारियों को चेतावनी देती है कि वे जन जीवन से खिलवाड़ न करें।
शिव सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश जैन ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि तराईमाल व बंजारी क्षेत्र में लगे उद्योगों से पहले ही काफी प्रदुषण निकल रहा है तथा उद्योग प्रबंधन मनमानी करते हुए फ्लाई एश का निष्पादन भी नियमानुसार न कर यत्र तत्र फेंक रहे हैं जिस पर पर्यावरण विभाग कार्रवाई करने में सक्षम नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में सिघल इंटरप्राईजेस की जनसुनवाई करवाना कहीं से उचित नहीं है। इसके साथ ही इण्ड सिनर्जी के विस्तार के लिए भी जनसुनवाई आयोजित की गई है। जबकि कोटमार में जंगलों में लगे पेड़ों पर कालस से ही स्पष्ट हो जाता है कि इस उद्योग से कितना अधिक प्रदुषण हो रहा है। राजेश जैन ने कहा कि सिंघल इंटरप्राइजेस व इण्ड सिनर्जी के आस पास कई गांव प्रभावित होगें और कोविड नियमों का हवाला देकर केवल कंपनी के कर्मचारियों व दलालों की सुनवाई करने का कार्य षडयंत्रपूर्वक किया जा रहा है। शिव सेना इस प्रशासनिक मनमानी का विरोध करती है। राजेश जैन ने इन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी मांग की है कि भारी प्रदुषण के बावजूद इन उद्योगों के विस्तार के विषय में उनकी क्या राय है इसे वे भी सार्वजनिक करें।