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पीड़िता के बयान के बाद भी डॉक्टर को आरोपी न बनाना यह पुलिसिया कार्यप्रणाली समझ से परे.. दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग का हुआ था शर्मा नर्सिंग होम में गर्भपात..

पीड़िता के बयान के बाद भी डॉक्टर को आरोपी न बनाना यह पुलिसिया कार्यप्रणाली समझ से परे..

दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग का हुआ था शर्मा नर्सिंग होम में गर्भपात

हाईप्रोफाइल मामला

अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिले के चिरमिरी क्षेत्र में नाबालिक किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में बैकुंठपुर के शर्मा हॉस्पिटल के डॉक्टर राकेश शर्मा का नाम आ जाने से अब यह मामला काफी हाईप्रोफाइल हो गया है। पीड़िता ने बयान में साफ कहा है कि दुष्कर्म के बाद आरोपी उसे बैकुंठपुर के शर्मा नर्सिंग होम मे ला कर जबरन उसका गर्भपात डॉ. राकेश शर्मा से करा दिया था।

दरअसल खड़गवां की एक नाबालिग किशोरी ने चिरमिरी थाने में 30 मई 2019 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई की कथित नेता सोनमनी चिरमिरी निवासी अम्बिका सिंह उर्फ अम्बिकेश्वर सिंह माह जुलाई से लगातार 2 सप्ताह से उसे डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है। जिसमे उसका साथ इन्जोरिया बाई निवासी पोंडीडीह खड़गवां दे रही है। जिस पर पुलिस ने भादवि की धारा 376(2),(6),(च),34,115,506 पॉक्सो एक्ट की धारा 4,6,5(च),17 एवं 3(2-5) एससी एसटी के अंतर्गत मामला दर्ज करने के बाद दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि पीड़िता के बयान के बावजूद गर्भपात कराने वाले चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज नही हुआ। जबकि 30 जुलाई को चिरमिरी सीएसपी कर्ण उइके शर्मा नर्सिंग होम पहुंचे, लेकिन वह भी केवल जांच की खाना पूर्ति कर चले गए। जाहिर है कि इतने बड़े डॉक्टर का नाम आया तो मामला हाईप्रोफाइल हो ही जाना था। ब्यूरोक्रेट्स का दवाब कहे या माता लक्ष्मी का दबाव…की डॉक्टर साहब को जांच के नाम पर अग्रिम जमानत की व्यवस्था करने का समय दे दिया गया। सबसे हैरानी की बात यह है कि निजी चिकित्सालय में प्रतिमाह होने वाले गर्भपात डीएमसी की रिपोर्ट चिकित्सा विभाग को भेजनी होती है। लेकिन इस गर्भपात का उल्लेख उस माह की रिपोर्ट में नहीं किया गया जिससे साफ जाहिर है कि यह अवैध गर्भपात हुआ है।

इस पूरे मामले को लेकर भाजपा नेता व समाजसेवी संजय अग्रवाल ने कहा कि जब भी कोई सामान्य मामला भी थाने में दर्ज होता है तो पीड़िता के बयान पर जिसका नाम आता है। पुलिस उसे आरोपी बनाकर मामला दर्ज करती है लेकिन इस मामले में पुलिस द्वारा डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज ना करना उनकी कार्यप्रणाली के प्रति संदेह प्रकट करती है। उन्होंने कहा कि डॉ राकेश शर्मा के खिलाफ पहले भी बच्चा बेचे जाने सहित कई मामले दर्ज हो चुके हैं। प्रतिबंधित मेडिकल ड्रग की बिक्री की बात हो या स्मार्ट कार्ड में हेराफेरी उक्त हॉस्पिटल इस तरह के कृत्यों को लेकर बदनाम है। उन्होंने सचिव, हेल्थ से इस नर्सिंग होम के लाइसेंस को निरस्त किए जाने की मांग की है।

 


इस संबंध में चिरमिरी थाना प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया कि उन्होंने इस मामले को जीरो में कायम कर अजाक थाना बैकुंठपुर भेज दिया है। इस प्रकरण की पूरी जांच चिरमिरी सीएसपी कर्ण उइके कर रहे हैं।

मामले की जांच कर रहे सीएससी कर्ण उईके ने कहा कि पीड़िता ने अपने बयान में डॉक्टर राकेश शर्मा का नाम लिया है। मामले की जांच चल रही है। प्रमुख दो आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।

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