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अपनी किडनी दे कर बहन की अपने भाई के प्राणों की रक्षा.. रक्षाबंधन पर विशेष..

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अपनी किडनी दे कर बहन की अपने भाई के प्राणों की रक्षा

रक्षाबंधन पर विशेष

अनूप बड़ेरिया

भाई-बहन के अटूट प्रेम व स्नेह का पर्व है रक्षाबंधन.. अमूमन रक्षाबंधन के अवसर पर बहन भाई की कलाइयों पर राखी बांधती है और भाई उसकी रक्षा करने का वचन देता है और उसे उपहार भी प्रदान करता है। लेकिन इसके विपरीत एक बहन ने अपनी किडनी देकर भाई की प्राणों की रक्षा कर रक्षाबंधन के पुनीत पर्व पर उसने आज जीवन भर न भुलाने वाला उपहार दिया है।

यह पावन पर्व आज कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में रहने वाले कबीर और शमीमा पर पूरी तरह खरी उतरता हैं। कबीर से छोटी बहन शमीमा ने भाई बहन के रिश्ते को इस कदर निभाया कि अपनी एक किडनी देकर उसने अपने भाई के लिए जिंदगी की तमाम मुश्किलों को आसान कर हमेशा के लिए बीमारी से आजादी दिला दी।
मनेंद्रगढ़ के जोड़ा तालाब इलाके में रहने वाले मोहम्मद कबीर ने पिछले साल पहले अपनी तबीयत खराब होने पर उपचार और जांच करवाई तो यह जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी कि उसकी दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं और अगर उसे जल्दी किडनी ट्रांसप्लांट नहीं किया गया तो  वह जिंदगी की जंग हार जाएंगा।
 इस बात की जानकारी कबीर के परिवारजनों को लगी तो कबीर की छोटी बहन ने अपने भाई को किडनी देने का फैसला किया। कहते हैं इंसान जब दिल से कोई चीज चाहता है तो वह जरूर पूरी होती है इस मामले में भी कुछ ऐसा हुआ और भी बहन की किडनी मैच होने के बाद डॉक्टरों ने चेन्नई में किडनी ट्रांसप्लांट कर दिया और उसके बाद कबीर और शमीम आम आदमी की तरह जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं। शमीमा भले ही कबीर से छोटी हो लेकिन उसने जो काम कर दिखाया वह वाकई काबिले तारीफ है।

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