पर्यावरण के मुद्दे पर उठाया मशाल …… एनजीटी में केस भी किया दायर और खुद की पैरवी जिले वासियों की तरफ से रखी तथ्यों के आधार पर बात…किस तरह नियमों का उड़ाया जा रहा माखौल …… और जिले वासियों से किया ये अपील …. खरतनाक होते प्रदूषण को लेकर अब नहीं हुए सतर्क तो ……दैत्याकार मुंह बाए खड़ा है …. पढ़े पूरी खबर
शमशाद अहमद/-
रायगढ़ ।
जिले के प्रमुख मुद्दों पर एक तटस्थ प्रहरी की तरह खड़े रहने वाले पर्यावरण मित्र आम आदमी के सेवक के नाम से मशहूर बजरंग अग्रवाल जिले की भयावह प्रदूषण को लेकर एनजीटी में केस फाइल किया था और बीते दिनों इस मामले में हुई सुनवाई में स्वयं ही पैरवी किया और बताया कि जिले में स्थित औद्योगिक घरानों द्वारा किस तरह नियमों का मखौल उड़ाया जा रहा है।
पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल ने एनजीटी में जिले की खतरनाक होती औद्योगिक प्रदूषण को लेकर केस फाइल किया था। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में गुरुवार को इस मामले ऑनलाइन सुनवाई हुई। ऑन लाइन केस की सुनवाई में बहस स्वयं बजरंग अग्रवाल ने की और अपना पक्ष रखकर एनजीटी को बताया कि यदि कहीं सबसे ज्यादा प्रदूषण है तो वह छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला है।
प्रदूषण की भयावह होती स्थिति को लेकर सुनवाई के दौरान उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले में जो उद्योग लगे हैं जिसमें शिव शक्ति स्टील, मां शाकंभरी स्टील, मां मंगला स्टील, महावीर पावर, एनटीपीसी लारा, नवदुर्गा फ्यूल, बी एस स्पंज, श्याम इस्पात, अदानी पावर, मां काली अलायंज, अंजनी स्टील इन सभी उद्योगों ने 33% ग्रीन बेल्ट की जमीन छोड़ी ही नहीं है। उद्योग क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट बनाना तो दूर की बात है। रायगढ़ में प्रतिवर्ष एक करोड़ 52 लाख टन निकलने वाले फ्लाई ऐश का 50% भी उद्योगों के द्वारा सही निपटान नहीं किया जाता। सब फर्जी आंकड़े कागजो पर देकर खानापूर्ति कर रहे हैं। पर्यावरण विभाग रायपुर रायगढ़ सोया हुआ है। एनजीटी को बताया कि जिम्मेदार विभाग गांधी छाप के आगे मौन हो जाता है। बजरंग अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान ग्रीन ट्रिब्यूनल को बताया की रायगढ़ के हर घर में प्रतिदिन 500 ग्राम फ्लाई ऐश गिरती है और इस डस्ट की वजह से लोग अनेक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इसके खतरनाक कणों की वजह से कैंसर जैसी घातक बीमारियों से लोग लगातार शिकार बन रहे हैं। उद्योग मालिकों को आम जनता की कोई फिक्र नहीं है। जनता जाए भाड़ में हमको क्या करना और खूब प्रदूषण फैला रहे हैं। पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल ने एनजीटी से निवेदन किया कि एक टीम बनाकर इन उद्योगों की पूरी जमीन की जांच हो कि इन्होंने 33% जमीन छोड़ी भी है कि नहीं और यदि नहीं छोड़ी तो ऐसे उद्योगों को बंद कर देना अच्छा होगा। साथ ही पिछले 10 साल की पूरी फ्लाई ऐश की ऑडिट होनी चाहिए। कितनी फ्लाई ऐश निकली कितनी कहां खपत की गई। उन्होंने जो फर्जी फ्लाई ऐश ब्रिक्स की फैक्ट्रियां दिखा रखी है। उसकी जांच हो और यह कि बिजली बिल कितना आया कितने आदमी काम में लगे हैं।
उन्होंने एनजीटी की बेंच से यह भी आग्रह किया कि जांच के लिए एक टीम बनाई जाए और इस जांच टीम में पर्यावरण विभाग को शामिल न किया जाए और अलग टीम बने जो पूरी ईमानदारी से जांच करे। उन्होंने कहा कि हो सके इसकी जांच करवाने के लिए दिल्ली से टीम भेजने की पहल की जाए। उन्होंने एनजीटी से निवेदन किया है की सारे उद्योगों को नोटिस भेज कर 30 दिन का समय देकर उसके बाद कार्रवाई करने की बात कही है ।
बजरंग अग्रवाल ने कहा कि अब समय आ चुका है रायगढ़ जिले का हर व्यक्ति प्रदूषण के विरोध में कंधा से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़े अगर लड़ाई नहीं कर सकता तो जो लड़ाई लड़ रहे हैं उनको अपना समर्थन दें और उनके पक्ष में बात करें। इससे प्रदूषण फैलाने वाले भी कंट्रोल रहेंगे और उद्योगपतियों का आम जनता के प्रति भावना भी बदलेगी। पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल ने बताया कि अब उद्योगों का निरीक्षण सूचना अधिकार के धाराओं के तहत खुद बजरंग अग्रवाल एक-एक उद्योग में जाकर निरीक्षण करेंगे और यह पता करेंगे कि उन्होंने पर्यावरण क्लीयरेंस के किस-किस नियम का पालन किया एवं किस-किस नियम का उल्लंघन किया जिस भी उद्योग ने कोई भी नियम का उल्लंघन किया होगा उसके खिलाफ एनजीटी में पर्सनल केस दायर किया जाएगा