
याद की गई शहीद सत्यभामा …..स्मारक स्थल में पहुंचकर किया इस तरह याद हुई आंखे नम …..जिला प्रशासन से की गई ये मांग ……आदिवासी महिला जिसने केलो नदी को बचाने दी प्राणों की आहुति ….पढ़े पूरी खबर
प्रशासन द्वारा ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किए जाने के बावजूद शहीद स्मारक की सुरक्षा, बाउंड्री वॉल,गार्डन सौंदर्यीकरण,संरक्षण एवं संवर्धन न किए जाने, शहीद स्मारक स्थल की हो रही उपेक्षा
जल (केलो नदी ) को बचाने के आन्दोलन में 26 जनवरी 1998 को शहीद हुई श्रीमती सत्यभामा सौंरा के समाधि स्थल शहीद स्मारक ग्राम बोंदा टिकरा, गढ़ उमरिया जिला रायगढ़ में जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा द्वारा शहादत दिवस मनाया गया।
जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा और जनसंगठनों के साथियों के साथ सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण जनों ने शिरकत कर श्रीमती सत्यभामा के शहीद स्मारक एवं तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया और श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
प्रशासन द्वारा ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किए जाने के बावजूद शहीद स्मारक की सुरक्षा, बाउंड्री वॉल,गार्डन सौंदर्यीकरण,संरक्षण एवं संवर्धन न किए जाने, शहीद स्मारक स्थल की हो रही उपेक्षा , चारों तरफ झाड़ झंखार, उबड़ खाबड़ जमीन और आस पास की भूमि पर हो रहे बेजा कब्जा पर जनसंगठनों ने गम्भीर चिंता और आक्रोष व्यक्त किया तथा प्रशासन से अतिशीघ्र शहीद स्मारक की सुरक्षा, बाउंड्री वॉल,गार्डन सौंदर्यीकरण,संरक्षण एवं संवर्धन किए जाने की मांग की ।
उल्लेखनीय है कि जल को बचाने के आन्दोलन में प्राण की आहुति देने वाली श्रीमती सत्यभामा सौंरा देश की पहली आदिवासी महिला है। जलपुरुष राजेन्द्र सिंह,मेधा पाटकर, पी वी राजगोपाल एकता परिषद,पूर्व आई ए एस एवं सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर, ललित सुरजन,गौतम बंदोपाध्याय आदि जनसंगठनों एवं समाजिक कार्यकर्ताओं ने श्रीमती सत्यभामा सौंरा के शहादत को छत्तीसगढ़ और देश का गौरव बतलाते हुए सत्यभामा सौंरा के समाधि स्थल के सौंदर्यीकरण, संरक्षण एवं संवर्धन करने की आवश्यकता पर जोर दिया था। यही सच्चे मायने में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की सार्थकता भी होगी। वास्तव मे ऐसी ही बेटियां (महिलाएं) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की आईकन (गौरव की प्रतीक ) हैं।
शहीद स्मारक समाधि स्थल के सौंदर्यीकरण, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल ने जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के सचिव बासुदेव शर्मा, गणेश कछवाहा और महादेव अग्रवाल के साथ समाधि स्थल का निरीक्षण किया । श्री पटेल ने सीईओ एवं कलेक्टर रायगढ़ को वस्तु स्थिति से अवगत करा कर अतिशीघ्र कार्य करवाने का आश्वासन दिया है।
आज की श्रद्धांजली सभा में समाजिक कार्यकर्ता श्री भरत दुबे ने सुंदर संगमरमर युक्त समाधि स्मारक चबूतरा निर्माण करवाने की घोषणा की। जिसका सभी ने करतल ध्वनि से अभिनंदन किया।
शहादत दिवस कार्यक्रम में सर्वश्री बासुदेव शर्मा एडवोकेट सचिव जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा रायगढ़, गणेश कछवाहा संयोजक ट्रेड यूनियन कौंसिल रायगढ़,मदन पटेल संयोजक राष्ट्रीय किसान मोर्चा, जयंत बहिदार जुझारू नेता,लल्लू सिंह किसान नेता ,सुनिल पटेल सामाजिक कार्यकर्ता, शेख कलीमुल्ला छत्तीसगढ़ शासकीय तृतीय वर्ग प्रदेश कर्मचारी संघ एवं कार्यकारी अध्यक्ष छतीसगढ़ राज्य अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन रायगढ़, डॉ सुरेश शर्मा जूर्डा संयोजक सर्वोदय मंडल, महादेव अग्रवाल अध्यक्ष छत्तीसग़ढ पेंशनधारी कल्याण संघ, प्रदीप पारे, गणेश मिश्रा सीनियर सिटीजन, कमलेशपटेल ननसिया, श्रीमतीसावित्री पूर्व सरपंच बोंदा टीकरा, पंच ग्राम बोंदा टीकरा , श्रीमति सत्यभामा सौंरा के सुपुत्र कुलवधु, परिवार के सदस्य एवं ग्रामीण जनों की गरिमामय उपस्थिति रही।
श्री बासुदेव शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीमति सत्यभामा सौंरा केवल ग्राम बोंदा टीकरा एवं रायगढ़ जिले ही नहीं वरन् पूरे देश की ग़ौरव है।इस गौरवशाली इतिहास को संजोकर रखने की हमारी ज़िम्मेदारी है। शासन को चाहिए कि वे ऐसी विरासत व इतिहास को सहज कर रखे। पाठ्य पुस्तकों में भी ऐसी गौरवशाली विरासत और इतिहास को शामिल करना चाहिए।अंत में सेव बूंदी का प्रसाद वितरण कर, सत्यभामा अमर रहे।केलो की रक्षा कौन करेगा।जल ही जीवन है। गगनभेदी नारों के साथ सभा के विधिवत समापन की घोषणा की गई।