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प्रेमनगर के शिक्षकों ने किया तातापानी का शैक्षणिक भ्रमण…बच्चो शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हुआ  भ्रमण…

प्रेमनगर के शिक्षकों ने किया तातापानी का शैक्षणिक भ्रमण…बच्चो शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हुआ  भ्रमण…

 
अनूप बड़ेरिया
सूरजपुर जिले के प्रेमनगर ब्लॉक के शाउमा विद्यालय कोटेया और नावापाराकलां के शिक्षकों ने नवाचारी शिक्षक कृष्ण कुमार ध्रुव के नेतृत्व और मार्गदर्शन में अपने ज्ञान को विस्तृत कर छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से तातापानी रवाना हुए थे। जहां गर्म जल के स्रोतों का विश्लेषण किये।
 तातापानी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित है। प्रकृति की गोद बसे इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए और शैक्षणिक भ्रमण में जाने वाले लोगों के लिए बहुत कुछ है। तातापानी के लोगों का कहना है कि अपने वनवास के दौरान राम भगवान और सीता मैया यहां से गुजरे थे तब सीता मैया कुछ पकवान बनाने के लिये कड़ाह में तेल गर्म कर रही थी उसी दौरान राम भागवान ने एक तीर चलाया था, जो कि किसी कारणवश सीधे गर्म तेल के कड़ाही में जा गिरा और तीर के गिरने से तेल की बूंदे जहां जहां गिरी वहां से गर्म जल निकलने लगा। यहां 2 कुंड है जिसको संरक्षित किया गया है और अन्य 3 कुंड भी है जिसमें सल्फाइड की गंध भी आती है।  इस गर्म जल के कुंड में स्नान करने से 26 प्रकार की बीमारियों का इलाज भी होता है, और मानसिक सुख भी मिलता है ऐसा लोगों का मान्यता है। यहां का गर्म पानी एक समान गति से प्रवाहित होता है। गर्म पानी का क्षेत्र लगभग 500 एकड़ में फैला है। इस पानी से लोग चावल, आलू को भी उबाल कर खाया जाता है,तातापानी अब एक जानामाना पिकनिक स्पॉट भी बन चुका है जहां छत्तीसगढ़ के अलावा आसपास के राज्यों के लोग आते है। वहाँ प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर भी है जहां  खुदाई से बहुत सारी प्राचीन मूर्तियां निकली है, जिनके दर्शन करने के लिए दूर दूर से भक्तगण आते हैं। यहां मकर संक्रांति में 14,15,16 को तीन दिवसीय मेला और तातापानी महोत्सव भी मनाया जाता है जिसमें  सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है, जिसको देखने इस राज्य के अलावा अन्य राज्यों के लोग हजारों की संख्या में शामिल होते है।अलावा आसपास के राज्यों के लोग आते है। तातापानी से 12 किलोमीटर दूरी पर पवई झरना भी है जहां जाकर लोग आनंद की अनुभूति करते है वहां के प्राकृतिक मनोरम दृश्य लोगों को आकर्षित करती है। 
 
इस भ्रमण में प्रेमनगर और बलरामपुर के शिक्षक शामिल थे। जिसमें शाउमा विद्यालय कोटेया के व्याख्याता कृष्ण कुमार ध्रुव, रीता बर्मन, सरिता मिरी, कुंती सिंह, शाउमा  विद्यालय नवापाराकलां से व्याख्याता किरण विंध्यराज,व्यावसायिक प्रशिक्षक दिनेश कुमार प्रजापति, महेंद्र गबेल, शेखू, और बलरामपुर जिले के शिक्षक में रामप्रसाद राकेश जी, माधो प्रसाद यादव, कौशलेंद्र कश्यप, पवन कुमार पाटले, विनोद कुमार साहू, ईश्वर प्रसाद टण्डन, चोवाराम देवांगन, खगेश्वर प्रसाद कश्यप, दिलहरण कश्यप, और विनोद कुमार कुर्रे शामिल थे।

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