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राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण ‘‘निष्ठा’’ के माध्यम से होगा..शिक्षा में गुणवत्ता का सूत्रपात..राष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर बने कोरिया के शैलेन्द्र गुप्ता..कोरिया का फिर बढ़ा गौरव..

राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण ‘‘निष्ठा’’ के माध्यम से होगा..शिक्षा में गुणवत्ता का सूत्रपात..राष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर बने कोरिया के शैलेन्द्र गुप्ता..कोरिया का फिर बढ़ा गौरव..

अनूप बड़ेरिया
मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ‘‘निष्ठा’’ विद्यालय प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिये राष्ट्रीय पहल कार्यक्रम को पूरे देश में क्रियांवित किया जा रहा है। विद्यालय स्तर पर बच्चों की शिक्षा का एक मुख्य उद्देश्य है कि, बच्चों में नई परिस्थितियों के प्रति लचीले और रचनात्मक तरीके से अनुक्रिया करने की योग्यता विकसित हो तथा उन्हें स्वयं व दूसरों के प्रति संवेदनशील बनाते हुये उनके सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित किया जा सके। इस उद्देश्य की पूर्ति में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं। मास्टर ट्रेनर बने कोरिया जिले के शैलेन्द्र गुप्ता के सुझाव को पूरे राज्य में लागू किए जाएंगे।
विद्यालय प्रमुखों और शिक्षकों को इसी उद्देश्य से तैयार करने हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् नई दिल्ली तथा राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (नीपा) नई दिल्ली के द्वारा प्रारंभिक स्तर पर 42 लाख शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों को प्रशिक्षित करने की कार्ययोजना क्रियांवित की जा रही है।
इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ राज्य में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् डेढ़ लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करने जा रहा है। प्रथम चरण के रूप में लगभग 600 स्टेट रिसोर्स परसन और जिला रिसोर्स परसन को तैयार किया जा रहा है। जिसमे नीपा नई दिल्ली से सीनियर कन्सल्टेंट डॉ. चारु मलिक के मार्गदर्शन में लीडरशिप का प्रशिक्षण सम्पन्न होगा। जिसमे समस्त जिले एवं विकासखण्ड स्तर पर शिक्षकों एवं संस्था प्रमुखों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
इस प्रशिक्षण का माड्यूल विषय सामग्री पर केन्द्रित न होकर 21वीं सदी में दक्षताओं के  शिक्षण शास्त्र पर केन्द्रित है। जिसमें स्वअधिगम, विषय-वस्तु तथा ऐसी गतिविधियाँ सम्मिलित है जो शिक्षकों को अपने सत्र् एवं कक्षा की योजना बनाने में सहायक है तथा विद्यालय प्रमुखों के अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास करने में उपयोगी है। प्रशिक्षण के माड्यूल में मुख्य रूप से पाठ्यचर्या, विद्यार्थी-केन्द्रित शिक्षण  शास्त्र, समावेशी शिक्षण, व्यक्तिगत सामाजिक गुण, सुरक्षित विद्यालय वातावरण, स्वास्थ्य व देखभाल, कला समेकित शिक्षा, शिक्षण अधिगम में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, विद्यालय आधारित आंकलन उच्च विचारात्मक कौशल, बहुभाषिकता, विद्यालय नेतृत्व-अवधारणा व अनुप्रयोग, पूर्व प्राथमिक शिक्षा, विद्यालयों में पूर्व व्यवसायिक शिक्षा, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में जेण्डर आयामों की प्रासंगिकता रहेगी।

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