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कानून को ठेंगा दिखाते हुए बेखौफ चल रही है चखना दुकाने

बालोद (डीके देवांगन बंटी)। एक ओर जहां नशाबंदी की ओर कदम बढ़ाते हुए सरकार ने शराब दुकानों को ठेका पद्धति करते हुए सरकार द्वारा संचालित करने का निर्णय लिया है तो वहीं दूसरी तरफ शराब दुकानों के इर्द-गिर्द लगने वाली चखना दुकाने बकायदा ठेका पद्धति से संचालित की जा रही हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि कल तक जो जिम्मेदार विभाग के अफसर इस चखना दुकान को बंद करने का फरमान जारी कर रहे थे, आज वे ही इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं जिसको लेकर मदिरा प्रेमियों के साथ साथ आम जनता के बीच आक्रोश की स्थिति बनी हुई है। ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय बालोद के देसी एवं अंग्रेजी शराब दुकान के आस-पास लगातार चखना दुकान लगने के कारण जहां जिले का माहौल खराब हो रहा था तो वही नियम विपरीत चल रही इन चखना दुकानों में दिन दहाड़े हत्या जैसे अपराध होने के बाद भी पुलिस द्वारा इन चखना दुकानों पर नकेल कसते हुए बंद करा दी गई, परंतु कुछ दिनों तक बंद रहने वाली यह चखना दुकान एकाएक पुन: अपने पूरे शबाब पर चलने लगी है। सूत्रों की मानें तो इन चखना दुकानों से प्रतिदिन हजारों रुपए की आय होती है तथा आय का बकायदा हिस्सा विभाग के उन जिम्मेदार अफसरों को दिया जाता है जो बकायदा इन्हें संरक्षण प्रदान करते हैं सूत्रों की मानें तो शराब दुकानों की तो ठेका पद्धति बंद की जा चुकी है परंतु बकायदा शराब भट्टी के इर्द-गिर्द चखना दुकान चलाने के लिए जिम्मेदार विभाग के अफ सर चखना दुकान वालों के बीच बोली लगवाते हैं तथा जो सर्वाधिक राशि देने के लिए तैयार होता है उसे ही चखना दुकान लगाने की अनुमति प्रदान की जाती है। सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय बालोद के साथ साथ गुंडरदेही अंग्रेजी एवं देसी शराब भट्टी तथा गुरुर देसी शराब भट्टी के इर्द-गिर्द एक ही मालिक द्वारा चखना दुकान का संचालन कराया जा रहा है तथा बकायदा कर्मचारी रखकर सभी जगह दुकान का संचालन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि आबकारी नियमानुसार किसी भी खुले अथवा सार्वजनिक स्थान पर शराब पीना आबकारी नियम के विपरीत है, जिसको लेकर लगातार आबकारी विभाग के साथ-साथ पुलिस विभाग भी कार्यवाई करता आया है। परंतु विगत लंबे समय से जिला मुख्यालय के ही शराब भट्टी के इर्द-गिर्द खुलेआम चखना दुकान में बैठकर मदिरा प्रेमी शराब पी रहे हैं, तो वही चखना दुकान संचालक भी प्रतिदिन लाखों रुपए का वारा न्यारा करने में लगे हुए हैं। बावजूद उसके आबकारी विभाग के साथ-साथ पुलिस विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही ना किए जाना समझ के परे है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि एक ओर जहां पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी लगातार कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाने के साथ ही सख्ती बरत रहे हैं बावजूद उसके बालोद जिले में कानून को खुलेआम ठेंगा दिखाते हुए चखना दुकाने बेखौफ चल रही हैं। इसके पीछे क्या मंशा हो सकती है, यह तो एक जांच का विषय है ही, परंतु शराब दुकानों के इर्द-गिर्द नियमित चल रही चखना दुकानों के कारण बालोद जिले की शांत फिजा में आए दिन वाद विवाद की स्थिति बनी रहती है, जिसके चलते आम जनता के बीच भी आक्रोश की स्थिति बनने लगी है। इससे पहले जिले वासियों का विश्वास कानून का पालन कराने वाले विभागों से उठने लगे है। त्वरित इन चखना दुकानों पर नकेल कसी जानी चाहिए ताकि जिले वासी सुकून से रह सकें।

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