
आज से हो रहा है इप्टा के राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आग़ाज़….. पहले दिन असमंजस बाबू की आत्मकथा का होगा मंचन …और फिर
रायगढ़।
भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा की रायगढ़ इकाई द्वारा बीते 30 वर्षों से लगातार राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। इस साल 17 जनवरी से 19 जनवयी तक यह आयोजन किया जा रहा है।
इप्टा रायगढ़ के 30 वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में तीन दिनों के दौरान कुल चार नाटकों का मंचन होगा। आज शुक्रवार की शाम 6 बजकर 58 मिनट में उद्घाटन सत्र शुरू होगा, फिर पहले दिन अख़्तर अली द्वारा लिखित एकल नाटक “असमंजस बाबू की आत्मकथा” मंचित होगा। इस नाटक को 2002 में अजय आठले ने निर्देशित किया था और मंच पर बतौर अभिनेता युवराज सिंह “आज़ाद” करते आ रहे हैं। इस बार “असमंजस बाबू की आत्मकथा” को अभिनेता युवराज सिंह “आज़ाद” ने कोरस को शामिल करते हुए रि-डिज़ाईन किया है। लाईट एण्ड साऊंड श्याम देवकर का है। इस नाटक में असमंजस बाबू के अलावा जितने भी छोटे छोटे मगर अहम् पात्र हैं, उन्हें कोरस के माध्यम से करवाया जा रहा है।
तीन दिवसीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन कृष्णा कुमार साव निर्देशित नाटक “छोटा मुंह बड़ी बात” बच्चों द्वारा मंचित किया जायेगा, जबकि इसी दिन दूसरा नाटक “आधी रात के बाद” का निर्देशन रविन्द्र चौबे ने किया है। यह नाटक मूलतः जज और चोर की रोचक कहानी है, नाटक में अखिलेश जैन और तापस राय अभिनय करते दिखाई देंगे। नाट्य समारोह के अंतिम तीसरे दिन कोलकाता के नाट्य दल सोबार पाथ प्रोडक्शन द्वारा संजीता निर्देशित “शीतल पाटी” का मंचन होगा और इसी मंचन के बाद इप्टा रायगढ़ के राष्ट्रीय नाट्य समारोह का समापन होगा।
इप्टा का राष्ट्रीय नाट्य समारोह जन सहयोग से होता आ रहा है, प्रवेश निःशुल्क है। नाट्य प्रेमी जनता इस आयोजन में सादर आमंत्रित है।