कोरिया में बेटियों के लिए वरदान… सुकन्या समृद्धि योजना…1, 237 बालिकाओ के खोले गये खाते…बेटियों के भविष्य की चिंता हुई दूर…
सुकन्या समृद्धि योजना कोरिया में बेटियों के लिए वरदान..1, 237 बालिकाओ के खोले गये खाते…बेटियों के भविष्य की चिंता हुई दूर…
अनूप बड़ेरिया
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित भारत सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अब तक 1, 237 पात्र बालिकाओं के खाते खुलवाये गए हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नवजात कन्याओं के खाते खुलवाये जा रहे हैं।
जिले भर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्राप्त आंकडो के अनुसार माह अप्रैल से नवंबर 2019 में कुल 1237 खाते खोले गये है जिनमें से 821 खाते पोस्ट आफिसो में एवं 416 खाते बैंको में खोले जा चुके है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया ने बताया योजना का लाभ निर्धारित अवधि के बाद बेटियो को मिलेगा यह एक अल्प बचत योजना का रूप है। जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी विभाग की है। सुकन्या समृद्धि योजना में न्यूनतम 250 रुपये सालाना जमा करना होता है।योजना के तहत अधिकतम 1.50 लाख रुपये सालाना जमा किया जा सकता है।
सुकन्या योजना के तहत मानिकराम की बेटी कु.पूजा का खाता खुलने के बाद से मानिकराम खुश होकर कहते है कि,”बेटी के भविष्य की चिंता अब मै नही करता , आगे वह पढाई करे या हम उसकी शादी करे ,सब के लिए धनराशि की कमी नही होगी यह योजना मेरी बेटी के लिए वरदान है।”
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत 2 दिसम्बर 2014 को हुई है। इस योजना के तहत दस वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के नाम से एक खाता बैक अथवा डाकघर में खोला जा सकता है। पालक अपनी दो बेटियों के लिए दो खाते भी खुलवा सकते है। खोले गए खाते में बेटी के नाम से एक साल में न्यूनतम 1,000 रूपए से अधिकतम 1.50 लाख रूपए तक जमा कर सकते है। यह राशि खाता खुलने के 14 साल तक ही जमा करना होगा और बेटी के 21 साल की होने पर पूर्ण होगा। 21 साल के बाद खाता बंद हो जाएगा और जमा राशि पालकों को मिल जायेगी। 18 से 21 साल के बीच यदि बेटी की शादी हो जाती है तो खाता उसी समय बंद हो जाएगा। योजना के नियमों के अंतर्गत बेटी के 18 साल होने पर आधा राशि निकलवा सकते है।
सुकन्या समृद्धि योजना की बचत राशि पर 9.1 प्रतिशत की दर पर ब्याज निर्धारित है और इस योजना के तहत जो राशि जमा की जायगी उस पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के अंतर्गत छूट का प्रावधान है।
