ट्रैफिक मैन महेश मिश्रा को मिलेगा 3 गोल्ड मैडल..हैट्रिक का रिकॉर्ड बढ़ाया कोरिया के गौरव… राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के हाथों प्राप्त करेंगे तीन गोल्ड मैडल..
ट्रैफिक मैन महेश मिश्रा को मिलेगा 3 गोल्ड मैडल..हैट्रिक का रिकॉर्ड बढ़ाया कोरिया के गौरव… राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के हाथों प्राप्त करेंगे तीन गोल्ड मैडल..
अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिले में ट्रैफिक मैन के नाम से प्रख्यात महेश मिश्रा अब गोल्ड मेडल के स्टिक लगाने जा रहे हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। महेश मिश्रा ना केवल कोरिया बल्कि देश की राजधानी रायपुर में भी अपनी ट्रैफिक योग्यता का डंका बजा चुके हैं।
21 जून 1986 को जन्मे कोरिया जिले के ग्राम खैरी पटना निवासी सेवानिवृत्त व्याख्याता रामावतार मिश्रा के सुपुत्र महेश कुमार मिश्रा ने प्राथमिक शिक्षा गांव के ही शासकीय प्राथमिक शाला डकईपारा, माध्यमिक शिक्षा जय हिंद शिशु मंदिर पटना, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पटना से पूरी की वर्ष 2005 में 12वीं की परीक्षा परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात सैनिक के पद पर भर्ती हुए। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष रुचि होने के कारण स्नातक की शिक्षा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर, बी. एड. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर,एवं बैचलर आफ लाइब्रेरियन डॉक्टर सी.वी. रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर,एम.ए. इतिहास, संस्कृत, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र सरगुजा विश्वविद्यालय अंबिकापुर से पूर्ण कर एम.ए. संस्कृत, राजनीति विज्ञान व समाजशास्त्र शास्त्र में सरगुजा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त कर रहे हैंl साथ ही इन्होंने बड़ी सफलता पूर्वक भारत-पाक संबंधों पर चीन का प्रभाव एवं कुपोषण उन्मूलन में आंगनबाड़ी का योगदान विषय पर दो शोध कार्य पूर्ण किए हैं
यातायात जागरूकता अभियान ने बनाई प्रदेश में विशेष पहचान
वर्ष 2006 में 19 वर्ष की आयु में सैनिक के पद पर भर्ती हुए श्री मिश्रा के प्रथम पद स्थापना यातायात शाखा बैकुंठपुर में हुई तब से लेकर अब तक इन 13 वर्षों में मेहनत लगन व निष्ठा के साथ कार्य करते हुए विद्यालयीन/ महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं स्काउट एनएसएस एनसीसी के कैडेट्स वाहन मालिक चालक सामाजिक संस्थाओं सहित विभिन्न अवसरों पर यातायात जागरूकता का कार्यक्रम स्वयं के खर्च पर चलाने का कार्य कोरिया के साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी निरंतर चल रहा है साथ ही आकाशवाणी और टेलीविजन के माध्यम से भी जागरुक करने का कार्य समय समय पर किया जा रहा हैl
समाज सेवा की मिसाल हैं महेश
महेश मिश्रा का समाज सेवा के क्षेत्र में भी निरंतर सहभागिता रही है जिसके तहत स्वयं के खर्च से वाहन चालकों को निशुल्क चश्मा का वितरण करना, शहर के प्रमुख चौराहे की सड़क के गड्ढों को भरना, सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करना, कुपोषित बच्चों को पोषण आहार का वितरण, छात्रों को पुरस्कार व सम्मान भेंट करने के साथ ही जरूरतमंदों को रक्त दान आदि का कार्य इनके द्वारा निरंतर किया जा रहा है।
हर जगह हो रहे सम्मानित
गौरतलब है कि श्री मिश्रा ने शासन का पैसा खर्च किए बिना अब तक अपने स्वयं के खर्च से लगभग 3 लाख से अधिक लोगों को यातायात के नियमों की पूरी जानकारी दे चुके हैं इनके द्वारा किए गए इस कार्य से प्रभावित होकर स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले जिले के मुख्य समारोह स्थल के मुख्य अतिथि के हाथों सम्मान प्राप्त हो रहा है साथ ही विभिन्न संस्थाओं के प्राचार्य विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं विभिन्न विभाग द्वारा समय समय पर सम्मानित होते रहे हैं।
मिलनसार व्यक्तित्व के धनी
गौरतलब है कि श्री मिश्रा अपने सरल सहज व मिलनसार स्वभाव के कारण पूरे क्षेत्र में जाने जाते हैं बच्चों व युवाओं के बीच में इनकी अच्छी खासी पकड़ है साथ ही शहर में मिलनसार व्यक्तित्व के धनी माने जाते हैं जिसका परिणाम है कि पूरे शहर में सभी प्रतिष्ठानों के साथ जिले के विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य से लेकर विद्यालय स्टाफ छात्र-छात्राओं वाहन चालक व मालिक के पास इनका मोबाइल नंबर आसानी से उपलब्ध होता है जो कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में या यातायात संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए तथा केरियर मार्गदर्शन के लिए उपयोग कर रहे हैं गौरतलब है कि श्री मिश्रा छोटे से पद पर रहते हुए भी अपने व्यवहार व कार्यों के बल पर सबका दिल जीत रखा है जिसका परिणाम है कि उच्च अधिकारियों का मार्गदर्शन उन्हें हमेशा मिलता रहा है l
बधाई देने वालों का लगा तांता
जैसे ही पता चला कि श्री मिश्रा को सरगुजा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री के हाथों तीन गोल्ड मेडल प्राप्त होना है, जिलेभर से शुभचिंतकों द्वारा बधाई देने का सिलसिला लगातार जारी है साथ ही जिले की विभिन्न सामाजिक संगठनों, समितियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा इन्हें सम्मानित करने की बात कही जा रही है l