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गुरुपूर्णिमा के सुअवसर पर रायगढ़ राजघराने की पेशकश, कत्थक नृत्यांगनाए देंगी प्रस्तुति …रायगढ़ राजघराने से उभरते कलाकार, संस्कृति को बचाने में हमेशा कटिबद्ध- मौलश्री

 

 

रायगढ़ राजघराना हमेशा से ही अपने संस्कृति के लिए जाना जाता है। यू ही नही रायगढ़ को संस्कारधानी का दर्जा प्राप्त है।
पहले लहर के अपेक्षा करोना की दूसरी लहर ज्यादा कठीन रही है। कई परिवारों में शोक का माहौल रहा। बहुत से लोगों ने अपने परिचितों को खोया और उसका असर कहीं ना कहीं कलाकारों में भी पड़ा है। कलाकारों की रचनात्मकता और उनके कल्पनाएँ,जो वह अपने कला के माध्यम से प्रदर्षित करते थे। वह सब इस कोरोना के दौर पर थम सा गया था। लेकिन कहते है ना “कलाकार की कला ही उसे हर परिस्थिति उभारती है।” ठीक वैसे ही अब कलाकारों ने आनलाईन अपनी कला का प्रदर्शन इस दौरान सबसे ज्यादा किया है।

इसी प्रयास में डाॅ. उपासना उपाध्याय सहायक प्रध्यापिका भातखण्डे संगीत महाविद्यालय जबलपुर म.प्र. से है, इन्होनें अपनी परिकल्पना को रूद्राष्टकम् के रूप में उतारा। वैसे तो यह जबलपुर की रहने वाली है लेकिन रायगढ़ राज परिवार से भी इनका संबंध है। वे राजा चक्रधर सिंह के तीसरी पीढी से है।

इसके अलावा युवा पीढ़ी में सुश्री मौल श्री सिंह जो रायगढ़ राजा चक्रधर सिंह जी के चैथी पीढी से है इन्होने कथक नृत्य मे डिप्लोमा तक षिक्षा गुरू राममूर्ति वैष्णव और उनके पुत्र शरद वैष्णव से प्राप्त की और अपने एम.ए. कथक कि षिक्षा इन्दिरा कला संगीत विष्वविद्यालय खैरागढ़ (छ.ग.) से डाॅ. जीतेष गढ़पाइले और डाॅ. मांडवी सिंह (पूर्व कुलपति एवं कथक नृत्य विभाग अध्यक्ष इन्दिरा कला विष्वविद्यालय) के अन्तर्गत षिक्षा प्राप्त कर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण रही। इन्होने अपने पहले प्रयास मे ही यू.जी.सी. नेट (परफाॅर्मिंग आर्टस) की परीक्षा मे सफलता प्राप्त की। इस परिकल्पना मे यह भी सहभागी रही है।

कोरोना के समय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इन्होनें रूद्राष्टकम् का सारा कार्य अपने समुह के साथ जूम मीटिंग व व्हाटसएप्प ग्रुप के सहारे की। गुरू पुर्णिमा और सावन मास को ध्यान रख यह नृत्याजलि सभी कलाकारों ने आदियोगी षिव व अपने गुरूओं को सम्र्पित कि है। यह 24 जुलाई को फेसबुक और यूट्यूब के मंच पर प्रषारित होगा।

ध्वनि मुद्रणं- श्री सचित उपाध्याय (एस.डी. स्टूडियों जबलपुर) द्वारा,
परिकल्पना/प्रस्तुति- डाॅ उपासना उपाध्याय द्वारा
विडियों शूटिंग- सभी कलाकारों के परिजनों एवं साथियों ने मदद की।
विडियों शूटिंग- सुश्री शाल्वी सिन्हा ने की है।
प्रस्तुतिकरण आठ कलाकारों द्वारा हुआ है जो अलग-अलग शहर से है-
सुश्री मौल श्री सिंह (रायगढ़ छ.ग.)
डाॅ. आलोक श्रीवास (नई दिल्ली)
श्रीमति जोईता चक्रवोर्ती बसंत (सूरत- गुजरात)
डाॅ. अमित साखरे (इंदौर म.प्र.)
सुश्री शाल्वी सिन्हा (राँची – झारखण्ड)
डाॅ. चन्दन सिंह (राजनांदगाँव छ.ग.)
डाॅ. उपनासना उपाध्याय (जबलपुर म.प्र.)
श्री यषवंत कबीर (जबलपुर म.प्र.)
गेयस्वर – सुश्री रूपाली कुसुमकर
श्री मृदुल घोषा

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